Saturday, April 23, 2011

धर्मनिरपेक्षता एक गाली और रंडी की ओलाद वाली बदनामी !!!!!!

ब्लॉग जगत के वरिष्ठ लेखक श्री बी.एन शर्मा का एक बहुत ही असरकारी वाक्य हे की धर्मनिरपेक्ष होना उसी प्रकार हे जिस प्रकार """या तो अपने बाप का पता नहीं या सभी को ही अपना बाप मानता हो ?""|अंग्रजो की मेकाले शिक्षा पद्दति के प्रभाव से ये मानसिक मनोरोग उन इंसानी सुवरो को जल्दी चपेट में लेता हे जो तथाकथित आधुनिक वादी प्रगतीशील हे |दुर्भाग्य से भारत भूमी पर ऐसे वर्ण संकरो की संख्या आजादी बाद बहुत तेजी से बढ़ी हे |भारत ने प्राचीन काल से अनेक विकट आक्रमण सहे हे ,काफी विदेशी जातिया यंहा आके बस गयी लेकिन मुस्लिम आक्रान्तावो और अंगरेजी साम्राज्य के बाद यंहा के मूल निवासी अपनी सभ्यता संस्क्रती को ही भूल गए हे |

जेसे की अपने मूल स्वाभाव के अनुसार कांग्रेस (कमीनेपन में किसी को भी नहीं टिकने देती हे) ,ने भी धर्मनिरपेक्षता नामक मानसिक मनोविकरती को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया और हिन्दुवी से ही हिंदुवो के खिलाफ बड़ी चतुराई से काम में लिया |आज भी अब भोथरे होते इस हथियार को काम में ले रही हे |आखिर धर्म निरपेक्षता क्या बला हे ?धर्म और राजनीती को अलग कर दिया जाये वो रास्ट्र के लिए अभिशाप बन जाती और पब्लिक के लिए अत्याचार |संविधान की मूल भावना में भी धर्म निरपक्ष शब्द का कोई उल्लेख नहीं हे ,बांटो और राज करो की नीति के तहत राजनितिक कमीनो ने इस वायरस को पैदा किया ,भाररतीय विविध्तावो ,विभीन्न जातियों धर्मो के कारण ये कूधारना बहुत तेजी के साथ फेली क्योकि कांग्रेस पैदा ही हुयी एक अंग्रेज के स्पर्म से |
धर्म निरपेक्षता जेसे कूधारणा पहले कभी नहीं थी आजादी अलसभोर में वर्णसंकरो ने वोट बैंक के लिए इसका तेजी से किया प्रचार किया और केवल और केवल हिदुवो के खिलाफ |रास्ट्रपिता कहलाने वाले अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी ने भी धर्म निरपेक्षता के बहाने आजादी के समय लाखो हिंदुवो का कत्ले आम करवाया और ये धर्म निरपेक्षता केवल हिंदुवो पर ही लागु हुई |संसार में केवल अपने जेसा एक ही रास्ट्र होने के बावजूद हिदुवो एक हिन्दूरास्ट्र से वंचित कर दिया गया |गंगा जमना संस्क्रती जेसा रबड़ का बोबा दे कर हिंदुवो को बहका दिया गया और जो सच्चे रास्ट्रवादी थे उन्हें अंग्रेजो से मिल कर परे कर दिया गया और खत्म करवा दिया गया |भारत भूमी पर तीन चोथाई हिन्दू होने के बावजूद उन्हें सांस्क्रतिक विरासत से दूर कर दिया |यानि जो रक्त संक्रमित थे सत्ता की बागडोर उन्ही की हाथो में चली गयी |

आज ये सत्भेले रक्त संक्रमित ही धर्म निरपेक्षता और गनगा जमुना संस्क्रती की दुहाई देते हे ,यंहा वंहा सेकुलरिज्म की चंग पीटते रहते हे ,एक बात तो पक्की हे जो भी सेकुलर्ता का बाजा बजता रह्ता हे तो पक्का समझिये की उसके खून के अंश में कंही ना कंही मलीछो के रक्त की मिलावट हे क्योकि अपनी रास्ट्र संस्क्रती को वो ही भूल सकता हे जो विदेशी रक्त की संतान हो क्यों की खून हमेशा बोलता हे |भारत रास्ट्र में एसे वर्ण संकरो की बहुत ज्यादा भरमार हे क्यों की वेदिशी आकरंतावो ने सबसे ज्यादा भारत को ही रोंदा हे ,वो तो मर गए लेकिन संक्रमित गंदगी के कीटाणु यंही छोड़ गए |आज भारत में सेकुल्लर गंडको की बाढ़ सी आ गयी हे अपने को ज्यादा सेकुलर दिखाने के चक्कर में ये बाप को बाप कहना भूल जाते हे उल्टा उसे पहचानने से इनकार कर देते हे ,सेकुलर लोग अगले पक्ष को ही अपना बाप मान के चलते हे |सेकुलर होना कायर होने की निशानी हे क्योकि इनमे अक्सर साहस की कमी होती हे ,सेकुलर लोग अवसरवादी होते हे मोका पड़ने पर ये ये अपनी बहिन बेटियों को कोठे पर बिठाने से नहीं चूकते हे अपने फायदे के लिए यंहा तक की अपनी माँ को भी बेच सकते हे |सेकुलर लोगो का एक मात्र उदेश्य अपना फायदा होता हे क्योकि इनमे जमीर नाम की कोई चीज ही नहीं होती हे |सेकुलर श्वानो में नेतिकता नाम कोई भावना नहीं होती हे ये लोग इश्वर को कभी साक्षी नहीं मानते हे |केवल हिन्दू सेकुलर लोग अधार्मिक होते क्योकि धर्म इनके लिए एक गाली के समान हे इनके सामने हिन्दू धर्म की बड़ाई कर दे तो ये लंगड़ी घोड़ी की तरह बिदक उठते हे बाकी धर्म इन्हें मानवतावादी लगते |नकली सेकुलरता का कीटाणु हिंदुस्तान में ज्यादा पाया जाता हे क्योकि हजारो सालो से वर्ण संकरता की प्रयोग भूमी रही हे |हिन्दू सेकुलर लोग अन्य धर्मो के लिए तो घोडी बने रहते हे लेकिन हिन्दू धर्म का नाम लेते ही इनकी भाभी विधवा हो जाती हे |सेकुलर लोग अरास्ट्र वादी और देशद्रोही होते हे क्योकि रास्ट्रीय भावना रखना एक धर्म होता हे और धर्म इनके लिए कूनेन की गोली हे |
सेकुलरता और सत्ता का गठजोड़े होते ही इन में एक विशेष प्रकार का कमीनापन आ जाता हे जो आप वर्तमान में देख ही रहे हे |सेकुलरता केवल हिंदुवो के लिए ही हे क्योकि हिन्दू गाय हे सेकुलरता का सांड हिंदुवो पर चढ़ाना आसान होता हे |हिंदुस्तान में बाकी सभी धर्मो के लिए ये एक शब्द मात्र हे |देश को बाँटने में हिन्दू सेकुलरो का ही हाथ हे ,इन सेकुलरो की गंगा जमना तहजीब की दुहाई अब और देश के टुकड़े करने में आमदा हे |
सेकुलर लोग इस देश को तबाह करने पर उतारू हे ,लेकिन इनका ये इरादा कभी पूरा नहीं होगा क्यों की अब जनता जाग रही हे |आज सेकुलर कंही ने कंही शर्मिदगी महसूस करता हे ,की में क्या हूँ ,उसे एसे महसूस होता हे की कंवारी के जन्म लेने पर उसे कपडे में लपेट के छोड़ दिया गया ,सेकुलर दुसरो के सामने तो बड़ी नक्टाई करता हे लेकिन अंदर ही अंदर अजीब सी बेचेनी में घुटता रह्ता हे |
दोस्तों जितनी भी जाग्रति आयी हे और आ रही इसे जारी रखना हे सेकुलर लोगो ,रास्ट्र द्रोहियों ,समाज कंटको की के इरादों को अब और घ्याबिन नहीं होने देना हे इनकी नसबंदी यु ही जारी रखनी हे जब जेसे मोका लगे इनकी गोलिया फोडनी हे |मंजिल थोड़ी कठीन हे लेकिन इंटरनेट संचार माध्यम ने एक हिस्से को अवश्य जाग्रत किया हे इसी जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाना हे |
वन्देमातरम

Friday, April 22, 2011

फिर भोखे नरेंद्र मोदी पर

जिस प्रकार मीडिया में और इन्टरनेट पर यु.पि .ऐ सरकार और भ्रस्ट नेतावो के भ्रसटाचार का भूत पीछे पड़ा हे किसी भी प्रकार से राहत नहीं मिल पा रही हे ,तो ये शिफूगा तो छेड़ना ही था |इस भ्रसटाचार के मुद्दे पे यु.पि ऐ सुप्रीमो सोनिया गाँधी को भी लपेटा जा रहा हे हालाँकि भ्रस्ट और बिकाऊ प्रिंट मीडिया और विजुअल मीडिया की तो इसी ओखात नहीं हे और लोगो को विश्वास भी नहीं लेकिन सोसिअल नेटवर्क साइटों और ब्लोगों पे इनके किस्से खूब उछल रहे हे ,इसे से सरकार असहज हे और बुखार में गर्म मूत कर रही हे |में कोई भो मुद्दा इस भ्रस्ट कांग्रेस और सरकार के खिलाफ उठता दिखे तदाक नरेंद्र मोदी का कोई भो मुद्दा उठा तो अब विजुअल मीडिया को तो नरेन्द्र मोदी के नाम से हिस्टीरिया का दोरा पद जाता हे |मीडिया को संचालित ही जेहादी और कूरेसेड़ ताकते कर रही हे |ये आई.पि.*** भट्ट इतने दिन कंहा खाज खुजा रहा था की ,पिछले आठ सालो से केंद्र में भी इ***े ताई जी की सरकार हे ,और ये भी अधिकारी सेंटर का हे .फिर अचानक इ***ा जमीर आज ही केसे जाग उठा ,दिल में अचानक ही क्यों मानवता हिलोरे लेने लगी ?क्या ताई जी इनाम मिलने वाला हे ?दोस्तों भ्रस्ट ,घाघ , *** कुटिल सोनिया गाँधी जेसी ओरत कुछ भी कर ***ती हे |हम सभी मिल केर अपने ९स अभियान को यूँ ही जारी रखेंगे | वन्देमातरम

Sunday, April 17, 2011

अन्ना हजारे आप कामयाब होंगे |

कुत्तो और सियारों का भोंकना जारी हे ?जब तब आसमान की और मूह करके अपनी नस्ल का परिचय दे रहे हे |और जब कुत्ते पागल हो जाते हे तो और ज्यादा खतरनाक हो जाते हे |जब से बाबा रामदेव ,अन्ना हजारे और अन्य सामाजिक संघटनों ने सदी की महाभ्रस्ट कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनी लांग खोली तो बेशर्म और बेगरत सरकार और कांग्रेस के पाले हुवे गंडक इनके खिलाफ छोड़ दिए गए हें |ये बेशर्मी की प्रकाष्ठा हे |""नकटा बूंचा सबसे ऊँचा ""वाली कहावत पर चल रही कांग्रेस और यु.पी। ए । सरकार सत्ता की दलाली में इतनी अंधी हो चुकी हे की समाज सेवी और तबियत से फकीर अन्ना हजारे जेसे व्यक्ती से संपती का हिसाब का ब्यौरा मांग रही हे |गोरी महारानी के इशारे पे दिग्ग्गी जेसे ओरंग जेबी नस्ल के श्वान और कपिल सिब्ब्बल जेसे हाय प्रोफाइल डकेत एक साथ भोंक रहे हे |
जिस तरह अन्ना की खुली लांग देख घबराई भ्रस्ट सरकार तीन दिन में अन्ना के सामने दंडवत हो गयी थी उसी तरह चोरो की जमात के सरगनावो और उनके रखवाले शवानो को आगे कर इस आन्दोलन को ठंडा पटकने और बाँटने में रात दिन एक किये हुवे हे जिसमे ये सालो से माहिर हे |भ्रस्ट और क्रय किये हुवे मीडिया का एक तबका भी इसकी साथ दे कर खरीदार मालिको का अहसान चूका रहा हे लेकिन वो भूल चूका हे की सांप बोम्बी में घुस चूका हे और अन्ना जनमानस में |लोग दिखाऊ मांगे मान के सरकार अपने no बढवाने के चक्कर में गलत आदमी के साथ फंस गयी हे की बाद में मेंनेज कर लेंगे ?
इसी मैनजमेंट के तहत जन सिमिति के सद्श्यो पर कीचड उछाला जा रहा हे ?बायड आने पर भोंकने वाले कुतो की तरह हमेशा की तरह दिग्गी को आगे कर दिया गया हे जो हमेशा मूह आसमान की तरफ उठाये रह्ता हे |लेकिन ज्कन्हा तक उम्मीद हे अन्ना हजारे और अन्य सद्श्य इन कुत्तो के साथ साथ इस सरकार का भी बंध्य करने में सफल होंगे |हमारी शुभ कामनाये इनके साथ हे |
वन्देमातरम