Thursday, November 25, 2010

राहुल गाधी कागजी हवाई जहाज

कांग्रेसियों के रास्ट्रीय और निजी चरित्र का पता इसी से चलता हे की जो नकली गाँधी परिवार के सामने जो कदम, कदम पे लेटने में माहिर हो ,कहने भर से पेंट के आगे वाले हूक पे हाथ डाल देता हो ,और वो ही खुद को सबसे बड़ी अनुशासित और लोकतान्त्रिक पार्टी का मेम्बर मानता हो उसे कंही पोखर बावडी की तलाश कर लेनी चाहिए ?
जिस पार्टी की मुखिया प्रधान मंत्री और उनके कार्यालय को नाई ,डूम से ज्यादा की ओखात नहीं देती हो ,जिनके कद्दावार नेता जेसे प्रनव मुखर्जी ,एंटोनी , पि। चिदबरम्ब , सिम्मी दलाल अर्जुन सिंह और दिग्ग विजय सिंह (कहने को तो दोनों ठाकुर बनते हे ,अंश हे और ........??????) करीब सभी कोंग्रेसी शासित राज्यों के मुख्य मंत्री भी छीदे हुवे रहतो हो मायनो अनुकम्पा के लिए तो उस देश का अल्लाह ****या जीसस ही राखा ?
और अब आ जाते हे असली बात पे ,आप ने देखा होगा इन दो तीन सालो में एक नया ही अवतार हुवा जो की कांग्रेसिये भांडो का आदरणीय हे उनका "''''' मोमिन क्रिशचना अवतार "'राहुल गाँधी ,केसे बिछे जाते हे सत्ता लोलुप भांडीये कांग्रेसी उस मिक्स मिस्चीफ़ के आगे जो ?इस कागजी हवाई जहाज "''''' मिलावटी क्रिशचना अवतार "'राहुल गाँधी का "'मूह मिडिया प्रायोजित जाल से निकल कर बिहार में आये नवम्बर २०१० के विधान सभा चुनाव परिणामो से सीधे उसकी ओखात के गंदे नाले में गिर चूका हे |इस मिस्स्चिफ को सोचना चाहिए की इसने युवावो और देश के लिए क्या किया ?मेरा और उस दोनों का सोचना हे कुछ नहीं ?
केसे सत्ताशीन कांग्रेसियों और छद्दम सेकुलर ताकतों ने भांडी मीडिया को प्रायोजित कर उस से लावणी गवाई की राहुल ये ,राहुल वो ,राहुल का जादू युवावो के सर चढ़ के बोल रहा हे फलाना धिकड़ा आदि आदि |उसी राहुल का नाडा बिहार के वोटरों ने एक झटके में खोल दिया(पहले यु.पी में चड्डी उतारी थी इन भोंदू जी की ) |आगे आने वाले चुनावो में भी यही होना हे ,युवा और अन्य वोटर समझ चूका हे की विकास केवल शेत्रिय शत्र्प ही करा सकता हे दिल्ही के गुलाम नहीं| कांग्रेस की केंद्रीय सत्ता कभी भी ऐसे लोगो को पनपने मोका नहीं देती ही जो ऐसी कोशीस करता हे हवाई दुर्घटना में मारा जाता हे ,ताजा उदाहरन आंध्र परदेश के पूर्व मुख्य मंत्री स्व. शेखर रेड्डी वो उभरते हुवे कांग्रेसी नेता थे और वो विकासपुरुष और लोकप्री नेता थे ,उनकी मोत केसे हुई सभी जानते हे | कुल मिला राहुल गाँधी को अगला प्रधान मंत्री प्रमोट करने के कांग्रेस के मुख्य भांड और नाई रात दिन एक किये हुवे हे जबकि खुद वो जी हुजूरी करते करते इसी बात के सपने देखते हे और सबसे बड़ी बात जाजम उठाने वाले शुद्र स्तर के छुट भय्ये कांग्रेसी भी सावन के अन्धो की तरह ढेंचू ढेंचू कर हाँ में हाँ मिलाते हे ,जबकि कांग्रेस के सारे वरिष्ठ नेता सवर्ग सिधार गए क्या ?क्या बात हे राहुल गाँधी में छीदे हुवे जा रहे हे ?केवल पारिवारिक पूजा और अनुकम्पा जिस से फर्जी नेतागिरी से पेट भरता रहे जबकि खुद को लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाली पार्टी का सद्श्य मानते हे |राहुल की एक मात्र योग्यता
गाँधी परिवार का स्द्श्य होना हे ,उसके अलावा कुछ भी नहीं और कार्य युनिवरसीटियो के झूठे दोरे चलते चलते झोंपड़ी देख के घुस जाना ,क्रपालू दयालु की तरह व्यहवार करके हाथ बांधे कांग्रसियो को अभय दान दे कर कांग्रेसी एकता का झूठा पाखंड दिखाना इसके अलावा कोई गुण नहीं दीखता जो की राहुल गाँधी अच्छा नेता साबित कर सके ?उसमे निर्णय लेने का बिलकूल आभाव हे अम्चो चमचो से सलाह से नरेगा में एक तगारी मिट्टी डाल के उसने पाखंडी वाली छवि गढ़ ली हे ,जिसको जनता ने पहचान लिया हे,की ये नोटंकी अब चलने वाली नहीं ,फर्जी नरो और झूंटे चोंचलों के दिन हवा हो गए की यंहा जमीन से जुड़े नेता ही स्वीकार्य हे जो की राहुल गाँधी तो बिलकुल नहीं |ये तो कागज की हवाई जहाज हे ,नकली ?आगे आने वाले यदि राहुल गाँधी का युवा कार्ड खेला गया तो ये हश्र होगा १७ दोरे २४५ में चार सींटे

Thursday, November 18, 2010

बिछने की कीमत ?

अमेरिकी रास्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आगमन के समय अमेरिकीप्रशासन के दुवारा की गई यु.पी.ए सरकार की नथ उतराई का इनाम भी जल्द ही मिल गया हे |ये इनाम अमेरिका की विदेश मंत्री हिल्लेरी किल्न्टन दुवारा दिया गया हे |शब्द आडम्बर की आड़ में हमेशा अपने राजनयिक हित साधने वाले अमेरिकी प्रशासन ने यु.पी.ए सरकार को रिपोर्ट पुलिंदे का वो झून्झ्ना थमा दिया हे जिसे वो इस "'भर्स्टआचार के रास्ट्रीय खेलो के पराजितो "'के सवागत में शायद बजाना पसंद करे या ना करे ?खेर रिपोर्ट में जिस बात का उल्लेख हे उससे सफ़ेद खून के भेडियो ,किराये के गाजे बाजे वाले मीडियाई भांडो,और भारत के इतिहास की सबसे भर्स्ट यु.पी. ए सरकार के खुशी का मोका होगा (जबकि डूब के मर जाना चाहिए )|
रिपोर्ट का मजमून देखिये .........
अमेरिका ने आठ साल पहले हुए दंगे को लेकर एक बार गुजरात सरकार पर निशाना साधा है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2002 में गुजरात में हुए साम्‍प्रदायिक दंगों में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर मुसलमान थे। लेकिन इन दंगों के लिए जिम्‍मेदार लोगों को गिरफ्तार करने में राज्‍य सरकार नाकाम नहीं है।

रिपोर्ट में धार्मिक आजादी के मामले में केंद्र की सत्‍तारूढ़ संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को सबसे अधिक अंक दिए हैं और कहा गया है कि भारत के कुछ राज्‍यों में यह आजादी सीमित है।

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की ओर से अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक आजादी पर जारी इस .... कियूपीए सरकार ने धार्मिक आजादी का सम्‍मान किया, इसके लिए आर्थिक मदद की और इनकी रक्षा के लिए दखल भी दिया। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा हिंदू राष्‍ट्रवाद को नकार दिए जाने के बावजूद कुछ राज्‍यों की सरकारें और स्‍थानीय सरकारों पर हिंदुत्‍व का गहरा असर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा देश में सांप्रदायिक माहौल बरकरार रखने की कोशिशों के बावजूद कुछ कट्टरपंथी ताकतें धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले करती रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 28 में से 6 राज्‍यों- गुजरात, उड़ीसा, छत्‍तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, मध्‍य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ‘धर्मपरिवर्तन विरोधी’ कानून लागू है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा, आरएसएस और इससे जुड़े संगठन सार्वजनिक तौर पर अन्‍य धर्मों का सम्‍मान करने की बात करते हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं करते।

एक जुलाई 2009 से 30 जून 2010 तक की अवधि पर आधारित इस रिपोर्ट में ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के हवाले से कहा गया है कि उड़ीसा, कर्नाटक, छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र में ईसाई समुदाय के लोगों पर हमले हुए हैं।

अमेरिका का कहना है कि इस अवधि के दौरान भाजपा ने सभी राज्‍यों में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून लागू करने, अयोध्‍या में विवादित जमीन पर मंदिर बनाने और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जोर नहीं दिया।
.................अब तताकथीत मीडियाई भांड और सेकुलर जोकर उचक उचक के इस बात को बढा चढ़ा के पेश करेंगे और अपनी बड़ी मम्मी के सामने नजीरे पेश करेंगे ,जबकि इस से दो दिन पहले स्वर कोकिला और भारत की शान "'लता मंगेशकर "'ने ..नरेन्द्र भाई मोदी को अपना सबसे अच्छा भाई और एक महान नेता बताया हे ,लेकिन मिडिया में बिलकूल चर्चा नहीं हुई ,जबकि आज एक न्यूज़ पेपर में खबर छपी थी की राहुल गाँधी ने यु.पी दोरे में लखनऊ के फलाना रेस्टोरेंट में क्या क्या जीमा ?,बेशर्मी और बीछने की हद हे ?क्या तताकथीत मीडियाई भांड एक सबसे सफल मुख्यमंत्री को गरियाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हे ,लेकिन एक राजनितिक पप्पू और ओरिएटल इंशोरेंस की पूर्व बीमा एजेंट के लियेतैल लगाये घूमता हे क्योकि "''हर बिकाऊ चीज पर उसका अधिकार हे जिसने इसे खरीदा हो "''''?मीडिया और नरेन्द्र भाई में रोज वाली गली के कुते और बंद शीशे की कार वाले सवार का सम्बन्ध हे |नरेन्द्र मोदी से अमेरिका की भी फट रही हे ,की ये बाप जिस दिन आ गया तो उस दिन समीकरण पलट देगा और दक्षीणी एशिया में उसकी उपस्थी वेसी हो जाएगी जेसी अभी चाइना के सामने हे |सभी रास्ट्र विभाजक देशी विदेशी ताकते नरेन्द्र भाई से भयभीत हे ,सभी पिछवाड़े तक जोर लगाये हुवे हे की किस तरह से रोका जाये |लेकिन जो हराम के हे वो हराम के ही कहलायेंगे ,दोष अपने माता पिता को दे सकते हे और बंधुत्व के लिए हम उन्हें अपना भाई बंधू मानते ह स्वागत हे |

Tuesday, November 16, 2010

क्या नक्सलवाद ख़त्म हो गया ?

दाद देनी पड़ेगी अपने रास्ट्र के लोगो की यादास्त और रास्ट्रीय चरित्र की ,अपनी कायरता , भीरूपन और सुविधाप्न की आड़ में केसे उन घटनावो को केसे छूपा लेते हे जो की इन की अस्मिता का बलात्कार कर चुकी हो ,रोंद चुकी हो |केसे बड़ी बड़ी आतंकी घटनावो के बाद भी ,"' देश वापस उठ खड़ा हुवा हे"'कह के नपुसंक नागरिक, जनता की बोह्न्नी करा दी जाती हे ,फिर और आतंकी एक आतंकी हमलो का इंतजार किया जाता हे |यदि हमले मह्तवपूर्ण ठिकानो पे हुवे हो तो मोमबती बिरगेड सक्रीय हो जाती हे ,नहीं तो नपुसंक जनता फिर उठ खडी होती हे |इसी आत्म मुघ्द नपुसकता का फायदा वोट बैंक के दलाल उठाते हे |आप देखिये पिछले महीनो सालो कितने बड़े बड़े नक्सली हमले हुवे लकिन उनके खिलाफ आक्रामक कार्यवाई करने के बजाय अब इस मामले को समाप्त प्राय मान लिया गया हे जेसे की कुछ हुवा ही नहीं हो |तृणमूल कोंग्रेस और कांग्रेस के अश्लील गठजोड़ ने नक्सलियों के हाथो मारे गए सुरक्षाबलो और आम नागरिको के न्याय की बली चढ़ा दी, क्योकि बंगाल में लोजिस्टिक चुनाव आने वाले हे और नक्सलियों की पनाहगाह बंगाल में ये तुरुनमूल कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक हे |
उधर नक्सली लगातार अपनी शक्ति बढाने में लगे हे ,इनका संपर्क कुख्यात मुस्लिम आतंकारी संघटन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्करे तोयबा से हो चूका हे जबकि आधे देश में ये समान्तर सत्ता पहले से ही चलाये हुवे हे ,अब आप अंदाजा लगा सकते हे आने वाले समय में ये कितने शक्ति शाली हो कर देश की व्यवस्था और अखंडता पर हमला करेंगे| देश पर लाल झंडा पहराने की खातिर अब तक बचाते आये मुख्य शहर इनके निशाने पर होंगे ,तब व्यवस्था और सरकार को इनकी गंभीरता का परिणाम पता चलेगा |
लाल आतंक को जड़ से उखाड़ने की बजाय उस से मुह फेर लेना सत्ता के मठाधिशो की देश बाँटने की नियत पर शक जाता हे |अब केसे ये एक और बड़े हमले का इंतज़ार कर रहे हे ?,कश्मीर की जेसे यंहा भी सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने की साजिशे की जा रही हे,साफ जाहिर हे की देश को विखंडित करने कार्य कपट पूर्ण और अंदरूनी साजिशो के तहत किया जा रहा हे ,मीडिया में भी नक्सली मुद्दा तभी आता हे जब नक्सली हमले में ५० से अधीक जाने जाती हो |उसके लिए ये मुद्दा लाइव कवरेज कुछ ज्यादा नहीं |अन्ध्रुती राय जेसी पर्सिधी की भूखी लोमड़ी से नक्सलवाद और कश्मीरी अलगाववादियों के पक्ष में बयान दिलवाना और फिर कोई कारवाई नहीं करना सत्ता के शीर्ष पर बेठे लोगो की नियत पर और शक गहरा देता हे |शतमूर्ग की तरह रेत में मुह गडा देने की नियत कुछ और ही हे ना की डर |इस मुद्दे को जान बूझ के ठन्डे बस्ते में डाला गया हे ,नक्सली हमलो के बाद दिखावे के लिए आधी अधूरी कारवाई भी सवयं सुरक्षा बलों की जान और मनोबल के लिए घातक हो रही हे ,और ये जान बूझ के करवाया जा रहा हे ये सभी देश बाँटने की साजिशो का ही हिस्सा हे |आप ने देखा होगा पिछले महीनो अपने देश का होम मिनीस्टर नक्सलियों के खिलाफ बड़े हमले की तेयारी में था लेकिन किस तरह सोनिया मायनो ने थूका औरसिमी के दलाल और सोनिया के चमचे दिग्विजय सिंह ने चाटा और उसी की भाषा में गिरह मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया |आप समझ ही सकते हे देश को तोड़ने की साजिशे कंहा से हो रही हे ?,एक अदना सा देश श्री लंका जब विशव के सबसे घातक संघटन लिट्टे का सफाया कर सकता हे तो भारत क्यों नहीं ?
भोपाल में सुदर्शन जी सोनिया के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा ,देश को बाँटने की साजिश की मुख्य धार सोनिया गाँधी ही हे जो की विदेशी ताकतों के साथ मिल के कश्मीर को और और शेष भारत के टुकड़े करने पर आमादा हे इस लिए ही तो कश्मीर में सेना के अधिकार कम कने की साजिश की लेकिन थल सेना अध्यक्ष के कड़े पर्तिरोध के बाद कदम वापस खेंचे,उसी परकार nakslvad के मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया |
वन्देमातरम

Thursday, November 11, 2010

यंहा से शुरू हो चुकी हे आर पार की लड़ाई

१० नवम्बर को रास्ट्रीय सवयं सेवक संघ के अखिल भारतीय व्यापक और विशालतम पर्दर्शन ने रास्ट्रवादी और घीनोनी छद्दम सेकुलर ताकतों के बीच आर पार की लड़ाई की शुरुवात कर दी हे |इसका सबसे बड़ा अस्त्र भोपाल में चला जंहा पूर्व संघ पर्मुख माननीय सु दर्शन जी ने मारक परहार करते हुवे कांग्रेस पर्मुख सोनिया माइनो का ऐसा कच्चा चिठा खोला की बेचारी कांग्रेस को तिलमिलाने का मोका भी नहीं मिला | सच्चाई ऐसी की इसके मूह से पेशाब उगलने वाले पर्वक्तावो के मूह में बजरी भर गयी ,ना उगलते बन रही हे ना निगलते |इन कच्चे कलवो को संघ की ताकत का अहसास ही कल हुआ की एक रास्ट्रवादी संघटन के असली मायने क्या हे ,जब देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पर करोडो बंधू और माता बहिने बिना किसी स्वार्थ के रास्ट्रवादी भावना को नमन करने पहुंचे |
अपने ८५ वर्ष के कार्यकाल में संघ ने पहली बार सड़क पर ऊत्तर के रास्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ एक आर पार की लड़ाई छेड़ दी हे ,ये अब रूकने वाली नही और इसको मिले आपार जन समर्थ ने इन सफ़ेद खून के सिआरो को सकते में डाल दिया हे |कांग्रेस ने तो अपनी कब्र खुदाई की साईं उसी दिन दे दी थी जिस दिन संघ और हिन्दुत्व का अपमान खुले आम किया और इसे आतंकारी संघटन बताया गया |अनचाहे अब इस गेर राजनितिक रास्ट्रवादी संघटन को छेड़ केर एक नयी ताकत दे दी कांग्रेस ने ,राहुल गाँधी जेसे मिक्स मिस्चीफ़ को इसकी अन्दूरुनी ताकत का एहसास नहीं था तब ही तो संघ की तुलना सिम्मी से करने वाला मुर्खता पूर्ण बयान दिया और मार्क्स बढवाने के चक्कर में जाजम उठाने वाले भी साथ हो लिए और उस बर्रे के छते में हाथ डाल दिया जिनकी संख्या करोडो में हे |
ये लड़ाई अब रुकनेवाली नहीं क्योकि जिस परकार माननीय सुदर्शन जी ने भोपाल उवाच दिया हे कांग्रेस तिलमिला उठी हे ,सारे कांग्रेसियों को ये लग रहा हे हमारी बड़ी ममी के बारे ये ये सच्चाई हमें हजम नहीं हो रही हे ?पर्तीकिरयात्मक कदम उठाने के लिए अब ये घातक रणनीति बनाएगी कांग्रेस ,यानि अब इसने हिन्दुत्व रस्त्र्वाद ,और संघ से सीधी टक्कर ले ली हे |वंही संघ और हिन्दुत्व के लिए इस मुद्दे ने ने एक परकार से संजीवनी का काम किया हे |वर्ष में एक बार आम पब्लिक को दर्शन देने संघ के १० नवम्बर के व्यापकता वाले पर्दर्शन को देखते हुवे नवीन पीढ़ी के नजरिये उसकी व्यापकता का समावेश हुआ हे ,जो की इस से अनजान थी .सबसे बड़ी बात की इसके अनुषंगी हिन्दू संघटनों को हिंदुवो को जगाने का एक सुअवसर प्राप्त हो गया हे |लड़ाई दुदंभी बज चुकी हे ,संघ के नेत्र्तव में हिन्दू जग के पहली अंगड़ाई ले चूका हे ,अब देशी विदेशी षड्यंत्रकारी विभाजक ताकतों की ?????पर मिर्ची कूटने और चटनी बाँटने का टाइम आ गया हे ,और अब ऐसा हो के रहेगा क्योकि हिन्दुत्व एक नाम ना हो कर सम्पूर्ण जीवन शेली हे |जय भारत जय हिन्दू
वन्देमातरम

Sunday, November 7, 2010

भारत की सेकुलर सरकार दुआरा ओबामा का हमायु मकबरा दर्शन

दुनिया का सबसे शक्ति शाली जोड़ा भारत की मेजबानी पर 6 नव। को आ चूका हे ,मीडिया और प्रशासन पलक पांवड़े बिछा के आगवानी कर रहे हे | जेसा की इन्फोसिस के नारायण मूर्ति कह चुके हे की "''' वो हमारे मेहमान हे भाग्य विधता नहीं "''''?लेकिन चाहे परमाणु मसोदा हो ,पाकिस्तान के लिए स्कूली विद्यारथियो जेसी शिकायते हो ,और मेन चाइना से झूटी सची फटाई हो ,हमेशा वर्तमान शासन पर्शासन अमेरिका के सामने दंडवत लेटा रह्ता हें|इसी कर्म में ये ही हॉल ओबामा दम्पति के भारत आगमन पर दिखाई दे रहा हें |ओबामा के मुंबई कार्यकर्म में अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने उनके प्रोग्राम में शामिल रहने वालो से उनके पहचान पत्र साथ लाने के लिए कहा हें जिनमे मुख्य मंत्री ,उप मुख्य मंत्री शामिल हें ,इन्होने कड़ा एतराज जताया हें (अमेरिका को इन चोरो का विश्वास नहीं )|
अब आप देखिये सबसे हेरान कर देनी वाली बात की भारत दौर के दोरान कार्यकर्म न .4 में 7 नव .को ओबामा संसद सत्र को समबोधित करने के बाद बराक हुसेन ओबामा ....एक महान हस्ती ...के मकबरे दर्शन के लिए जा रहे जी हाँ और कोई नहीं एक महान कीटा बाज अफीमची और भगोड़े शासक हमायु के मकबरे पर साहब माथा टेकेंगे जेसे हमायु ने ने इस पवित्र धरा के लिए जेसे कोई बहुत बड़ी विरासत छोड़ी हो ?और देखिये अपने आई. एस.ओ 9001 पर्मानित मीडियाई भांड इसे मिली जुली संस्कर्ती का पर्तीक बता रहे हे ,और छीदे हुवे जा रहे हे ?
अब कोई सामान्य सा इतिहास का ज्ञान रखने वाला व्यक्ती भी बता सकता हे की एक गिरा हुवा कीटा बाज और दर दर का भिखारी शासक और उसका मकबरा केसे मिली जुली संस्कर्ती का पर्तीक हो गया ?
संदेसा साफ़ हे की केसे बराक हुसेन ओबमो को को मुस्लिमो का हितेषी बताया जाये ,जबकि उनके खिलाफ लखनऊ और भारत में अन्य स्थानों विभीन मुस्लिम संघटनों दुआरा पर्दर्शन किये जा रहे हे |ओबामा पर्शासन और भारतीय सेकुलर सरकार दुआरा ये प्री डिसाइड ड्रिल प्रोग्राम हे |ये मुस्लिम तुसटीकर्ण का एक और नया ही नमूना हे जिस पर ओबामा पर्शासन भी चल पड़ा हे ?एक गुलामी के पर्तीक को सहजे रखने में करोडो रूपये बहा देना और इतिहास की सच्चाई को बरगला कर उसे गोरंविंत करना किसी रास्ट्र के कर्म फूटने से कम नहीं और इसमें कोंग्रेस की छद्दम सेकुलर सरकारे बहुत ही माहिर हे |

Thursday, November 4, 2010

कांग्रेस की बेहयाई और राजनितिक नंगापन

लगातार दो बार बिल्ली भाग के छींके की तरह केंद्रये सता पा के कांग्रेस हरम की उस लोंड़ी की तरह बोरा गयी हे जिसे महाराज ने पटरानी बना दिया हो |इसके हेंडलूम छाप नेतावो और नवेले पालतू पिल्लो टाइप के इसके पर्वकताओ के हॉल ही के दिनों में दिए गए बयानों सिध हो जाता हे की सत्ता का नशा इस पार्टी को जम्म के चढ़ा हे | कांग्रेस का हाथ गरीबो के साथ ,कहने वाली कांग्रेस पार्टी कितनी संवेदलशील हे ? चाहे महंगाई हो ,चाहे कश्मीर अलगाव वाद की आग में जल रहा हो ,नक्सलवादी चाहे आधे भारत में में समांतर सत्ता चला रहे हो ,खेलो के नाम पर अरबो खरबों को सत्ताकी शह से उसकी नाक नीचे जीम लिया गए हो ,देश की आर्थिक राजधानी में सेनिको की विधवावो को आवंटित फलेटोको इन राजनेतिक चोरो ने बंदरबांट कर ली हो ,देश भले ही विभाजन के कगार पे खड़ा हो ,भले पाकिस्तानी कूटनीति की में बार बार पीटने पर इसके निति नियंता बार बार उसी के सामने मांडने के लिए तेयार बेठे हो ,चाहे चाइना के सामने घिघयाते हो ,नेपाल और बंगलादेश की पग चम्पई करते हो ,चाहे अनाज सड़ने को ले कर सुप्रीम कौर्ट फटकार खानी पडी हो ,चाहे इसके मंत्रियो ने हजारो करोड़ रुपयों का सरकारी खजाने को चूना लगाया हो ,चाहे कोई गिलानी जेसा बूढा भालू ,और अन्ध्रूर्ति जेसी पर्सीधि की भूखी लोमड़ी नींद में
इनकी बजा जाये |
इन सारी बातो पर इनको कोई शर्म नहीं ,निर्लजता तो देखिये तीन अरब का अकेला भरसटा खाने वाला कलमाड़ी और विधवा सेनिक स्त्रीयों के फलेटो को साले सालियों में बाँटने वाला सी,एम् चह्वाण त्याग मूर्ती इटालियन मेम और माननीय इमानदार पि.एम् के साथ दिल्ही कांग्रेस अधिवेशन में मंच शेयर कर रहे थे | तताकथीत इमानदार की ईमानदारी ही सारे चोरो की ढाल बन गयी हे |इसी मंच से इन सब कालिख पोतु गंदगियो को दरी के निचे सरकाते हुवे हेंडलूम नेता परनव मुखर्जी दुवारा आर .एस .एस जेसे रास्ट्रवादी संघटन को आतंकवादी संघटन बता कर सता का दंभ भरा ,वंही बचकाना सा और पालतू टाइप पर्वक्ता मनीष तिवारी अपने आधे खुलते मूह से हमेशा कांग्रेस सत्ता दंभ की दलाली करता रहता हे |ये गरीबो और गाँवो के बारे मेमोंटेक सिंह आहुवालिया के बयान ,पि.चिदम्बरम का भगवा आतंक वाद का बयान ,वंही शुगर मिलो के सबसे बड़ा दलाल शरद पंवार की अमीरी आयते ,वंही मिक्स मिस्चिफ राहुल गांधी का सिम्मी और संघ की तुलना ,आने वाले चुनावो में बहुत भारी पड़ने वाली हे ,महतवपूर्ण मुद्दों पे घिरने पर हिन्दुत्व और रास्ट्रवाद के बारेमे इनकी कुबयानी इन्हीको भारी पड़ेगी |जेसा की सभी को पता हे की मुस्लिम तुस्टीकर्ण कांग्रेस का प्रिय शगल हे ,इन कुबयानो से एक तीर से दो शिकार हो जाते हे ,मुस्लिम इसकी बर्ग्लाई में जाते हे और मध्यम वर्ग जो की शहतूत के कीड़ो की तरह अपने को कोकूनो में महफूज रहना चाहता हे और तथाकथित आधुनिक कहलाने के लिए सेकुलर्ता का पट्टा अपने गले बांधे घुमा फिरता हे उसे ये कांग्रेस ठीक लगती हे ,और गाँवो में नरेगा जेसी महाभर्स्ट योजना की भीख | लकिन जिस धरसटा से भ्रसटाचार और के मूदे का सुपर्चार हुआ हे , उसके बाद इन लुप्त प्राय जीवो को बचाने की सरकारी मुहीम शुरू हुई ,उस से शहरी मत दाता उदेल्लित हे ,अबकी कांग्रेस की वो उलटे जूते से बजाएगा |देखते जाइये

वन्देमातरम