Saturday, October 22, 2011

हमें इन नस्ल बिगाड़ो के समर्थन की आवश्यकता नहीं |

तथाकथित "'नस्ल बिगड़ सेकुलर बुधिजिवियो ""के समर्थन की क्या आवश्य्कता हे |
आज जिस प्रकार के हालत भारत ओर सारे विश्व में बन रहे हे उनमे सबसे विकट हालात में से एक भारत देश भी हे |हालाँकि उपरी तोर पर से देखने में सब कुछ अच्छा ओर चमकदार दिखाई दे रहा हे ,भारत दो अंको विकास दर को छू रहा हे ,मजबूत लोकतंत्र दिखाई दे रहा हे ,सेना मजबूत दिखाई दे रही हे ,करोड़पति अरबपति बढ़ रहे हे ,निवेशक आकर्षित हो रहे हे |
लेकिन ये केवल २०% लोगो के लिए ही हे उन्ही की तस्वीरे पेश की जारही हे |बाकि सब गल्लम ग्प्प्प चल रहा हे ,कोई नहीं कह सकता की बाकि ८०% लोगो के लिए ऊंट किस करवट बेठे ?
इन्ही २०% लोगो में से वो बुद्धिजीवी वर्ग भी आता हे जिन्हें अपनी आमदनी कमाने के लिए कुछ भी जद्दोजेहाद नहीं करनी पडी हे |,नेता के रूप० में खाऊ गिरी ,दलाली ,रियल स्टेट , प्रोपर्टी, ही प्रोफाइल टर्म्स ,तलवे चाट के विभिन्न विदेशी फंड के रूप में भीख खाऊ एन.जी.ओ दलाल ,अपनी बीबियो बहिन बेटियों को आगे कर के ,रिश्वतखोरी कर के ,गट्टर गंदगी में नहा के ,देशद्रोह कर के देश बेच के ,भांड गिरी कर के ,चमचा गिरी करके ,यानि किसी भी तरह पैसा कमाया जाये ,इस वर्ग का प्रमुख उद्देश्य हे |इस वर्ग में इस भावना का कोई महत्व नहीं की अपना धर्म देशप्रेम ,रास्ट्र प्रेम के जज्बे का क्या मतलब हे ?इनके लिए धर्म का मतलब अपनी और परिवार की भरपूर पेट पूजा और मंदिर में जा कर आना और दिखावा करना ही हे |आप पाएंगे की इस वर्ग में से कोई भी बाप अपनी ओलाद को सेना में नहीं भेजना चाहता हे |सेना में जितने भी जवान जाते हे वो सभी गरीब ,गाँवो के घरो से आते हे ,जिन्हें घर चलाने के लिए नोकरी की आवश्यकता होती हे |
मुख्त्या ये वर्ग दलाली ओर तलवा चट्टू के रूप में सत्ता संस्थानों के इतने करीब होता हे उनके महत्वपूर्ण निर्णय तय करने में प्रभावशाली भूमिका रखता हे |मिडिया को कुशल नट की तरह इस्तमाल करते हुवे सरकारों ओर आमजन पर अपना प्रभावशाली नियन्त्रण भी ये वर्ग रखता हे |
भारत में आजादी के बाद से ही कांग्रेस के राज में इस वर्ग को भरपूर फलने फूलने का अवसर मिलता लेकिन १९९२ के बाद मनमोहन जी की आर्थिक नीतियों ने इस वर्ग की आर्थिक आकंक्षवो के चार चाँद लगा दिए ,ओर ये वर्ग उतना ही भ्रस्ट ओर नीचे गिरता चला गया |इन्ही आकान्क्षावो ने नीचले तबके के सपनो के पंख लगा के उन्हें भी भ्रसटाचार की गट्टर गंगा में नहाने के लिए आमंत्रित लिया |
अब इसी तथाकथित सेकुलर और श्रेष्ठी कहलाने वाले ""नस्ल बिगाड़ "" हाईप्रोफाइल वर्ग ने बाकी सभी जनता को आर्थिक सामाजिक ,राजनितिक ,बोधिक ,शेक्षणिक ,सभी कारको और विषयों पर बंधक बना लिया हे |
बाकी बचे जो लोग सही और सच्ची भावना से रास्ट्र और धर्म के बारे में सोचते हे ,जो इन विषयों पर रास्ट्रवादी भावना का जन जन में प्रसार करना चाहते हे |जो लोग अपने धर्म के हास और उसके पतन से चिंतित होते हे |जो रास्ट्र और धर्म का हास और नुक्सान करने वाली शक्तियों का विरोध करना चाहते हो |वो लोग और वो संघटन्न भी इन्ही छद्दम सेकुलर रास्ट्र द्रोही ,धर्म द्रोही व्यक्तियों के भंवरजाल में फंस चूके हे |
भारत वर्ष में ये स्थिति आ चुकी हे की आज बात बात पर, हर रास्ट्र धर्म के पक्ष वाले मुद्दे पर ,कदम कदम पर रास्ट्रवादी संघटन और व्यक्ती इन छद्दम सेकुलर नस्ल बिगाड़ लोगो से समर्थन की अपेक्षा लगाये रखते हे ,जो की रात भर साथ सो जाये तो भी नहीं देने वाले हे

|आज चाहे भारत के अभिन्न अंग कश्मीर की बात हो ,चाहे कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्य में सेना के अधिकारों की बात हो .चाहे तिरस्कृत और बलात्कृत कश्मीर से निकाले गये कश्मीरी पंडितो की बात हो |चाहे भ्रसटाचार काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव के आन्दोलन अभियान की बात हो ,और उस पर किया गया सरकारी वहशी तांडव हो या अन्ना दुआरा छेड़े गये आन्दोलन की बात हो ,भर्स्ट सरकार के नकटेपने और कमीनेपन का मुद्दा हो ,भले ही अपनी अस्मिता और सनातन धर्म के आधार तत्व रामसेतु का मुद्दा हो ,राममन्दिर जेसे आन्दोलन का मुद्दा हो ,भले ही साम्प्रदायिक निरूपण बिल का मुद्दा हो ,चाहे अमरनाथ यात्रा को पाखंड कह देने की हिम्मत किसी ने कर ली हो ?चाहे भारत में अधिसंख्य हिंदुवो की अस्मिता से बलातकार होता हो ,उनकी मुख्य धार्मिक यात्रावो पर २० २० गुना टेक्स बढा दिया गया हो ???..............______________________?
क्या होता हे इन मुद्दों पर ?आम हिन्दू और बाकी अपने को रास्ट्रवादी कहलाने वाले संघटन्न क्या करते हे सब से पहले इस सभी बातो और मुद्दों पर ?
एक उम्मीद की ""हमारे ही देश के जाने पहचाने ,यंही की खा के उसी की बजाने वाले छद्दम सेकुलर नस्ल बिगाड़ हमारा समर्थन करेंगे ?बस यंही मात खा जाते हे|जो लोग इन्ही बातो के लिए जाने जाते हे ,जिनका मूल धंधा ही धर्म विरोध और देश के खिलाफ काम करना हे और पेट भरना हे तो क्या उम्मीद लगा कर उन से समर्थन की उम्मीद लगा बैठते हे हम लोग ?
मिडिया भी उन्ही में से हे |फिर हम उन्हें लानत मानत भेजते हे बुरा भला कहते हे ,उनकी भर्त्सना करते हे |मिडिया को पक्षपाती कहते हे ,वो तो होगा ही पक्षपाती क्योकि उसे गुलामी करने के पेसे मिलते हे ,और इन्ही उपरी उल्लेखित २०% लोगो की नट विद्या से मिडिया चलता हे |ताजुब्ब की बात तो तब होती हे की अच्छी तरह से संघटित संघटन्न भी इनके फेर में पड़ कर इन्ही की पूंछ पकड़ने की कोशीश करते हे |आर .एस.एस विश्व का सब से बड़ा अनुशासित संघटन्न हे ,उसे प्रचार की भूख भी नहीं हे ,लेकिन वो अपनी मान्यताये और हिन्दू कल्याण की बात हिंदुवो में ही स्पष्ट रूप से नहीं रख पायेगा तो जाहीर हे हिंदुवो के खिलाफ काम करने वाली शक्तिया उन्हें जल्दी ही मानसिक रूप से बहका सकेगी |एक हद तक अपनी अपनी लाइन में चलना सही हे ,लेकिन कोई चुनोती दे तो फिर ,अपने धर्म रास्ट्र को गाली दे तो फिर ?क्या इन्हें पत नहीं हे की किस तरह हिन्दू देवी देवता और उनकी मन्य्तावो के खिलाफ विषवमन किया जा रहा हे ?क्या उनकी युवा काडर में इतना दम नहीं की ऐसे लोगो की
थोड़ी सर्विस कर दी जाये ग्रीस पानी .आयल पानी कर दिया जाये जिस से ये थोडा स्मूथ चले |
यंहा धन्यवाद देना चाहूँगा शिवसेना की स्पष्टता और दिलेरी को जिन्होंने प्रशांत भूषण की ""जंवारी ""करने वाले तीनो वीरो तेजेंद्र सिंह जी और उनके साथियों का खुल के अभिनन्दन किया हे जबकि किसी भी अन्य हिन्दू संघटनों और देशभक्ती रखने वाले लोगो ने बिलकुल आवाज नहीं उठाई !! उलटे एक अपराधिक चुप्पी साध ली की जेसे इन शेरो ने बहुत बड़ा अनर्थ कर दिया हो ,श्री राम सेना तो साफ तोर पर गोल बोल गयी की हमारे आदमी ही नहीं थे ,होना ये चाहिए था की ये संघटन्न ऐसे वीर युवावो का अभिनन्दन करते उनकी होसला अफजाई करते ,उनके स्पष्ट और त्वरित नजरिये की सराहना करते ,लेकिन ये भी तो इन्ही छद्दम सेकुलरो के भंवर जाल में ही तो फंसे हुवे हे ,की छद्दम सेकुलर लोगो के सामने हम आँख नहीं मिला पाएंगे ,मीडिया नाराज हो जायेगा ,सेकुलरो अभिव्यक्ती की आजादी नाम का तूफ़ान उठा लेंगे |इसी भीरुता और छद्दम सेकुलरता के माथा देने के कारण आज आडवानी देश का प्रधान मंत्री बनने का सपना दिल में ही ले कर इस इस दुनिया से विदा हो जायेंगे |हमें अब ऐसे ही स्पष्ट नजरिये की आवश्यकता हे ,ज्यादा सीधे सच्चे हिन्दू बन के जीने की अवश्यकत नहीं हे ,ज्यादा जेंटल बन के रहने से फायदा कम नुकसान ही ज्यादा हुवा हे |हमें इन छद्दम सेकुलरो से अपने नम्बर बढवाने की कतई आवश्य्कता नहीं हे ,ना ही हमें इस बात की परवाह करनी हे की सो काल्ड सभ्य समाज हमे क्या कहेगा ?छद्दम सभ्य बनने के चक्कर में हम बहुत खो चूके हे ,इसी बात का फायदा उठा के हमारी कोई भी बजा के चला जाता हे |हमें अपने धर्म और रास्ट्र के मान अपमान पर खुला एवं स्पष्ट दृसटीकोण प्रस्तुत करना होगा |
हमें इन छद्म सेकुलर ""नस्ल बिगाड़ो " के समर्थन की कतई आवश्यकता नही हे ,ना ही हमें उम्मीद लगनी चाहिए के ये लोग कभी पक्ष में भी बोले |हमें आवश्यकता हे तेजेंद्र पाल जी जेसे नवयुवको की और जेसे को तेसा प्रदान करने वाली त्वरीत प्रतिक्रिया की |हमे उन छद्दम सेकुलर और रास्ट्रद्रोही धर्मद्रोही लोगो और उनके पालतू मिडिया को ऐसे ही जवाब देना हे जेसा तेजेंद्र पल जी ने दिया और अग्निवेश को गुजरात में एक महात्मा ने दिया |यदि किसी को अभिव्यक्ती की आजादी हे तो हमे भी हमारे गोरव प्रतीकों रास्ट्र और धर्म की रक्षा का अधिकार हे |कानून अपनी जगह हे ,यदि कोई किसी को गोली मारता हो तो खाने वाला ये सोच के निश्चिन्त नहीं हो जायेगा की कानून पाना काम करेगा .कानून तो काम करता रहेगा पहले जो अपना फर्ज बनता हे वो पूरा करेंगे |
जय हिंद वन्देमातरम

Friday, October 21, 2011

मोदी जी ,गुजरात की सध्भावना शांति के खिलाफ ये कांग्रेस की ही चाल हे !!!


गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी इन दिनों गुजरात में सध्भावना मिशन पर हे |वो गुजरात प्रत्येक जिले में इस मिशन के तहत जा रहे और लोगो से मेल मुलाकत कर रहे हे उनकी उन्नति विकास और सुख दुःख की भागीदारी के तहत बारीकी से नजर रख रहे हे |एक सफल शासक का यही फर्ज बनता हे |पिछले दस सालो से गुजरात में शांति और सध्भाव की जो गंगा बही हे ,वो किसी अन्य राज्य में नहीं बही हे |मजदूर किसान से ले कर उद्योगपतियो तक के लिए गुजरात एक आदर्श भूमि बनी हे |भारतीयता को साथ लेकर विदेशी तकनीकी के साथ नए विचार नए प्रोग्राम योजनावो से नरेंद्र भाई जी ने गुजरात को देश में ही नहीं विदेशो में रोल मॉडल बना दिया हे |
पिछले दस सालो की हिंदुत्व के पैमाने पर गुजरात की शांती , विकास और सबसे बड़ी अकुलाहट ये की अभी गुजरात में सत्ता में आने की कोई सो कोस तक कोई सम्भावना नहीं ने ""भारत के एक परिवार बपोती ""अखिल भारतीय दरी जाजम उठाऊ लिमिटेड कम्पनी "" को घोर निराशा से भर दिया हे |निराशा फसट्रेशन में कोई भी स्तनधारी की ओलाद मनुष्य अगले के खिलाफ घातक कदम उठता ही हे |येन केन सभी कोशीशे करता हे ,जब इन सालो में राजनितिक कमीनेपन में माहिर इस ""दरी जाजम उठाऊ कम्पनी"" ने सभी कदम उठा के देख लिए ,तब भी इसके मूह पर गुजरात का मतदाता उल्टे जूते की मरता रहा |
चूंकि विकास के पीछे स्थाई शांती की आवश्यकता होती हे और वो गुजरात में बनी हुयी हे ,ये शांति समुदायों और समाजो के बीच बनी हुयी हे |इस से सभी लाभ्नविंत हे |लेकिन ये शांति ही तथाकथित नस्ल बिगाडू सेकुलरो और कांग्रस के टुकडो पर पलने वाले मूह पर खून लगे भारतीय मिडिया की आँख की किरकिरी बनी हुई हे |पिछले दस सालो से ना जाने कितने नस्ल बिगाड़ कूका कूका के शांत हो चुके हे ,लेकिन जिस प्रकार रह रह इन्हें हिस्टीरिया का दोरा पड़ता हे इनके पूर्ण स्वस्थ होने की सम्भावना कम हे ?
इनका मिशन गुजरात में शांति सद्भावना को पुन बिगाड़ के खेल खेलना हे !!पिछले दिनों अहमदाबाद में मोदी जी के तीन दिवसीय सध्भावना सभा में एक तथाकथित सूफी मोलवी ने नरेंद्र मोदी जी को शाल ओढा दी उसके बाद उसने मोदी जी को मुस्लिम टोपी ओढ़ने की कोशीश की जिस से मोदी जी ने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया ,उसके बाद भारतीय मिडिया रूख देखना तारीखे काबिल था?मिडिया को पेट में मरोड़ उलटी दस्त एक साथ चालू हो गयी ,मोदी जी को हिन्दू कट्टरवादी तो मिडिया ने पहले ही घोषित कर रखा था उसके बाद मोदी जी घोर साम्प्रदायिक घोषित हो गये !!बाद में मालूम पड़ा की तथाकथित मोलवी जी सोनिया गाँधी के निजी सचिव अहमद पटेल के उस क्षेत्र से थे जंहा से उन्होंने चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हार गए थे |ये मोलवी कांग्रेस के दुआरा ही हांयर किये थे और टोपी ओढ़ना भी प्री ड्रिल प्रोग्राम था |कांग्रेसियों के कहने पर इन्होने ये कार्यक्रम रचा था |
अब नए घटनाक्रम में नवसारी में किसी मुस्लिम शख्श ने उन्हें काफा ओढाने की कोशिश की ,उसे भी मोदी जी ने विनम्रता पूर्वक गले लगा के हाथ जोड़ लिए |अब फिर भारतीय मिडिया में हाय तोबा मच गयी ,की मोदी जी विवादों को जन्म दे रहे हे |क्या मिडिया ये भूल जाता हे की सार्वजनिक हस्ती होते हुवे भी किसी के नीजी धार्मिक आध्यात्मिक मापदंड भी होते हे |क्या मिडिया से ये प्रश्न नहीं पूछा जाना चाहिए की इन बातो पर मुद्दों पर मुस्लिम धर्म गुरु ,मुल्ले मोलवी कितना अम्ल कर पाएंगे ?जो बात बेबात फतवे जरी करते हे और मोदी जी की व्यक्तित्व की नहीं विकास तारीफ करने मात्र से ही व्स्तान्वी जेसे उदार मुस्लिमो की उनके पद से बलि ले ली जाती हे |
इन सब के पीछे एक मात्र राजनितिक कमीनेपन में माहिर "'अखिल भारतीय दरी जाजम उठाऊ लिमिटेड कम्पनी की चाले हे |क्योकि गत पंचायती चुनावो में भी गुजरात के १०० से अधिक मुस्लिम उमीदवार बी.जे.पी के उमीदवार के रूप में जीत कर आये हे |वंहा के उदारवादी मुस्लिम नरेंद्र मोदी जी के विकास की तारीफ करने लगे हे ,क्योकि कभी कठिनाइयों से घीरे रहने वाले इस तबके को विकास का लाभ काफी पहुंचा हे |
नरेंद्र मोदी जी को धुर मुस्लिम विरोधी घोषित करने के लिए इस तरह की ओछी हरकते करना कांग्रेस के लिए बांये हाथ का खेल हे और इस खेल में साथ देने के लिए जन्मजात भांड भारतीय मिडिया भी साथ हे |लेकिन जितनी ताकत से गुजरात में नरेंद्र मोदी के खिलाफ इन नस्ल बिगाडू सेकुलरो ,भांड मिडिया और दरी जाजम उठाने वालो ने अभियान छेड़ा उसी अनुपात में गुजरात के मतदाता ने इनके मूह पर जूते बजाये हे |और इन्तजार कीजिये अबकी बार तो ऐसे बजेंगे की रोने फिर नहीं देगा गुजरात का मतदाता इन्हें |
वन्देमातरम

Wednesday, October 19, 2011

क्यों ना ऐसे लोगो का मूह काला करके गधे पर बिठा के घुमाया जाये ?



इन दिनों विश्व में किसी भी स्थान को छोड़ के केवल भारत में ही अभिव्यक्ति की आजादी और निजी विचारो के नाम पर उलटिया करने का दोर शुरू हो गया हे |ये उलटिया वो ही ""नस्ल बिगाड़ "कर रहे हे जिन्हें विदेशी भीख हजम नहीं हो रही हे |केंद्र सरकार से अभयदान पा कर अपने विदेशी आकावो की पलना में ये ""नस्ल बिगाड़ "" इसी तथाकथित आजादी के नाम पर गंदगी उगल रहे हे |पिछले दो सालो में इन सेकुलर गुर्गो और जोकरों के पेट मरोड़ कुछ ज्यादा ही उठ रही हे ,क्योकि जितनी ज्यादा ये गुर्गे हिन्दू धर्म ,अस्मिता ,रास्ट्र की सुरक्षा ,एकता के खिलाफ जितनी गंदगी उगलेंगे उसी अनुपात में इनकी विदेशी भीख बढना तय हे |
तथाकथित आधुनिक इन ""नस्ल बिगाड़ो "को खाद पानी जे.एन.एल.यु.और देल्ही यूनिवर्सिटी जेसे वामपंथी कारखानों से मिलती हे |जंहा ये गुर्गे दलितवाद ,दलित उत्थान और पिछड़ा वर्ग के नाम गिरोह तेयार करके अपनी दूकान चलते हे और विदेशी आकावो से नम्बर बढ़वाते हे |इन्ही वादों का सहारा लेकर उसकी आड़ में धर्म परिवर्तन करवाते हे |इसमें इनका प्रमुख हथियार हिन्दू धर्म को गरियाना ,उसकी मनचाही व्याख्या करना और उसके महापुरुषों का चारित्रिक कुरुपण करना हे |
ताजाघटना क्रम देल्ही युनिवरसिटी के कोर्स में पिछले दो सालो चलित ऐ.के रामानुज दुआरा लिखित ""रामायण पर लिखे गये एक विवादास्पद निबंध को कोंसिल के दुआरा हटा दिया गया हे |इस पर वंहा के इतिहास के कुछ "'नस्ल बिगाड़ "'बुधिजीवियो ने विवाद खड़ा कर दिया हे |इस निबंध में सीताजी को रावण की बेटी बताया गया हे,और सीता जी को राम की बहिन तक बता दिया गया हे |वंही हनुमान जी के चरित्र पर लांछन लगते हुवे उन्हें स्त्री रसिक और महिला प्रेमी तक बता दिया गया हे |इसे घोर कुकृत्य को जायज ठहराते हुवे पिछले दो सालो में नजाने कितने विद्यार्थीयो को इस तरह की गंदगी की घूंटी दी गयी हे ?
समकालीन इतिहास विभाग के एक प्रोफेसर आदित्य मुखर्जी का कहना हे की इस निबंध को हटाना बेबुनियाद हे रामायण को ले कर कई तथ्य हे |डी.यू.का डेमोक्रेटिक टीचर फोरम जो की ईसाई संस्था दुआरा संचालित हे उसने भी इस निबंध को हटाने का विरोध किया |वामपंथी विचारधारा से प्रेरित दो छात्र संघटन्न - स्टुडेंट्स फेडरेशन आँफ इडिया और आल इण्डिया स्टुडेंट्स फोरम भी इस निबन्ध के हटाने के विरोध में उतर आया हे और इसे वापस शामिल करने की मुहीम छेड़ने जा रहा हे |
क्या ये किसी भी हिन्दू धर्म से सम्बन्धित व्यक्ती को सन्न कर देने के लिए काफी नहीं हे की किस भोंडे रूप में इन ""नस्ल बिगाड़ "'कारखानों में हिन्दू धर्म और रास्ट्र का स्वरूप विकृत किया जा रहा हे |क्या सोच सकते हे की किसी अन्य धर्म के बारे में इस तरह की गंदी बाते लिख भी डी जाती तो केसे इन लोगो की अंतड़िया निकाल लीजाती ?याद कीजिये अभी छह महीने पहले केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में मोहमद का चित्र किसी लेखक के पाठ में छाप दिया गया था ,केसे सुबह तो मिडिया में खबर आयी और दोपहर होते होते उसे हटा दिया गया |
क्या सहिष्णुता का यह मतलब निकला जाये की करोड़ो लोगो की आस्था को कुछ लोग अपनी अभ्व्यक्ति की स्वतन्त्रता और निजी राय की मनचाही व्याख्या के रूप में एक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी शामिल कर ले और उलटे सीधे तर्क दे कर उसे सही ठहराने की कोशीश भी करे |यदि वो सीमा लांघे तो सहनशीलता एक हद तक ही अच्छी रहती हे ,फिर ये आजादी अगर सीमा लांघे तो क्या सामने वालो को आजादी नहीं की इसे लोगो को मोका पड़ने पर मूह काला करके गधे बिठा के घुमाया जाये ?कानून का तो इसे ""नस्ल बिगाड़ "'लोगो को डर तो रहता नहीं हे क्योकि इन लोगो की माई बाप सरकार अभी केंद्र में बेठी हे |अभी लोगो की जगह जगह आरतिया उतारी गयी हे धन्यवाद ऐसे हिम्मत वाले वीरो को जिन्होंने हिम्मत करके इन्हें सबक सीखने की जहमत उठाई हे |
वन्देमातरम

Thursday, September 29, 2011

इसलामिक अतिवाद की और बढ़ते हुवे भारतीय मुस्लिम !! परसों राजस्थान के बूंदी जिले के नेनवा कस्बे में एक ऐसी घटना हुयी जिस से भारतीय मुस्लिमो की मानसि

अभी परसों राजस्थान के बूंदी जिले के नेनवा कस्बे में एक ऐसी घटना हुयी जिस से भारतीय मुस्लिमो की मानसिकता को समझा जा सकता हे और रास्ट्र के खिलाफ जहर घोलती उनकी इछावो को पहचाना जा सकता हे |इसे एक साधारण घटना मान कर मिडिया ने भी उपेक्षित किया हे वो भी किसी खतरे की घंटी से कम नहीं |
कोटा स्मभाग में पड़ने वाले बूंदी जिले की एक तहसील हे नेनवा |वंहा लोक देवता देह्वाल्जी का मेला हर श्र्दीय नवरात्र को लगता हे और इसी अवसर पर यंहा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यकर्म होते हे उन्ही में २८ सितम्बर की शाम यंहा अखिल भारतीय विराट कवी सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमे देश के विभिन्न भागो से विभिन्न रस के कवी आये थे
|उन्ही में से एक लखनुऊ से पधारे वीर रस के कवी श्री वेदव्रत वाजपेयी अपनी कविता पाकिस्तान के खिलाफ सुना रहे थे |वंहा श्रोतावो की अपार भीड़ जमा थी और श्री वेदव्रत जी ने माहोल को वीर रस से सरोबार कर दिया और भीड़ से काफी तालीया और भारत माता जिंदाबाद के नारे लगने लगे |इतने अनपेक्षित रूप से भीड़ को चीरते हुवे एक युवक ""सद्दाम ""स्टेज पर चढ़ कर वेदव्रत जी पर हमला बोल दिया ,भीड़ ने हिम्मत दिखाते हुवे उस युवक की पकड़ के अच्छी ""ज्न्वारी "" कर दी और पुलिस के हवाले कर दिया |तभी तीन चार जनों ने भीड़ में से पुलिस के उपर पथर भाटो की बारिश कर दी और मस्जिद वाले चोक की तरफ भाग गये |पुलिस उन्हें वंहा ढूंढते हुवे पहुंची तो वंहा पुलिस पर और जबर्दस्त हमला हो गया |वंहा पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गये |
जिसमे राजेन्द्र सिंह नमक पुलिसकर्मी के सर में ९ टांके आये |
अब ये घटना क्या ब्यान करती हे और इस घटना को मिडिया दुआरा दबा देना क्या बयाँ करता हे |अगर ये ही घटना नरेंद्र मोदी के गुजरात में घटित हो जाती तो और करने वाला कोई हिन्दू होता तो मिडिया की मम्मी का खसम मर जाता |क्या कभी मुस्लिम कहेंगे की ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण हे हम इस घटना के लिए इन युवको के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करेंगे ?कभी नहीं |इसी तरह के देश विरोधी और उत्पाती तत्वों को मुस्लिम समाज प्रश्रय देता रहता हे ,जेसे की गुजरात में था २००२ से पहले और फिर जब गोधरा होता हे तो उसका खामियाजा पूरे मुस्लिम समाज को उठाना पड़ता हे |मारवाड़ी में कहावत हे ""माल खावे माटी को ,गीत गावे बीरा का ""यानि माल तो पती का खाती हे लेकिन गीत अपने भाई के गाती हे |कुछ इसी तरह के ये मुस्लिम समाज के ये गद्दार लोगे हे जो पाकिस्तान की बुराई सुनना पसंद नहीं करते हे ,जबकि वो हरामी पल पोश के यंही बड़े होते हे |इनके समर्थन में छद्दम वामपंथी सेकुलर और कांग्रेसी लोग हमेशा अपनी ""मांड ""के तेयार रहते हे |नेनवा तो एक हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र हे उसमे भी इसी तरह की दुर्भाग्य पूर्ण घटना हो गयी तो मुस्लिम बहुल्य इलाको में अनुमान लगाना कठीन हे की वंहा क्या घटित होता होगा ?

Friday, September 23, 2011

भारतीय शुद्ध नस्ल को संक्रमित करते सेकुलरता के वायरस !!!

जेसा की सभी जानते हे की विश्व  में सभी समुदायों ,सम्प्रदायों और धर्मो की अलग अलग पहचान ,अलग रीति रिवाज ,अलग तोर तरीके रहे हे और रहेंगे |हिन्दू धर्म को छोड़ कर सभी धर्मो ने विश्व में अपने अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ साबित करने और उसके अधिक से अधिक  अनुयायी बनाने के लिए मानवता का रक्त बहाने से ले कर सभी तोर तरीके अपनाये हे |हिन्दू धर्म अपनी उदारता ,   और नेकनीयती  ,वासुदेव कुटुंबकम्ब के कारण मानवता की सेवा में आज तक अडिग हे और रहा हे |
वर्तमान में भारत में रहने वाले  विभिन्न समुदायों और समाजो पर  सरसरी नजर डालने पर पाएंगे की भारत सभी धर्मो और मन्य्तावो के लिए एक आदर्श भूमि हे |सभी को यंहा पनपने का और एक सीमा में रह कर अपने धर्मो और विचारो के प्रचार प्रसार के लिए अनुमती हे ,बशर्ते की उनके विचार और प्रचार से रास्ट्र और दुसरे धर्म समुदायों के नुकसान दायक  ना हो |
ये आदर्श  स्थिति रास्ट्र की   एक बहुत अच्छी तस्वीर विश्व में प्रस्तुत करती हे |लेकिन यदि गोर से अध्यन किया जाये तो ये तस्वीर बिलकुल उल्ट , चिंताजनक और गंभीर दिखाई पडती हे |आम तोर पर हमेशा ये होता हे की अल्पसंख्यक समुदाय  (जो की भारत  में कत्रिम रूप से  बनाया गया एक समुदाय हे )को बहुसंख्यक समुदाय से हमेशा खतरा महसूस होता हे |लेकिन असल में खतरा अल्पसंख्यक समुदाय से यंहा बहुसंख्यक समुदाय को हो रहा हे अपना अस्तित्व और पहचान मिटाए जाने की हद तक !!कभी कभी विराटता को शुद्र्ता से इतना घातक  झटका लगता हे की जब तक कुछ समझ में आता हे बाजी हाथ से निकल चुकी होती हे और वो पहचान अपने अस्तित्व के लिए अन्तिम सांसे गिन रही होती हे !!इसका संक्रमन सब कुछ खत्म कर देता हे |अरबी जाहिल आक्रंतावो के लिए इस्लाम एक धर्म ना हो के खुनी साम्रज्यवाद था ,और अपने  सात  सो सालो के इतिहास में हिंदुवो और धर्म संस्कृति  का ज्यादा कुछ नहीं बिगाड़ पाए थे ,बाद में अंग्रेज आये उनका इतर उदेश्य अलग था ,लेकिन  ईसाई मिशनरियों के साथ उनकी हमदर्दी थी |

वर्तमान में विभिन्न प्रकार के जिहाद भारतीय समाज में संक्रमन के लिए चल रहे हे ,चर्चा में भी हे इनका उद्देश्य येन केन हिन्दू धर्म समज को दूषित करना हे .तोडना हे हीन भावना भरनी हे |इसी के फलादेश स्वरूप आप ने देखा होगा की अधिकतर हिन्दू लडकियों स्त्रियों को मुस्लिम और ईसाईयो दुआरा अपनी छद्दम पत्नी या प्रेयसी बनाया जाता हे |इनके इस एक तीर से कई   शिकार हो जाते हे ,विधर्मी अपनी कूवासना तो शांत कर ही लेते हे ,बल्की उस लडकी का परिवार bhi दूषित हो जाता हे ,या तो वो अपने आप खुद को हिन्दू समाज से अलग कर लेते हे या हिन्दू समाज उन्हें खुद अलग कर देता हे |इस प्रकार जिहादी हिन्दू इकाई से परिवार ,परिवार से समाज और समज से रास्ट्र तोड़ने का काम  बखूबी कर रहे हे|इस से भी घातक और खतरनाक स्थिति तब आती हे जब हिन्दू स्त्री या  लड़की और विधर्मी मलेच्छ पुरुष के दुआरा जो सन्तान भारतीय समाज के लिए इतनी घातक और खतरनाक होती हे की जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती हे ,क्योकि मुस्लिम पिता और हिन्दू माता की संतानों में एक अजीब सी विचारधारा और घातक द्र्स्टीकोण रास्ट्र समाज के  लिए पैदा हो जाता हे |
यदि  हम बायोलोजिकल  के बोट्निक्ल सिदांत     की अति सरल व्याख्या करेंगे तो भी यह स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी |आज कल विभिन्न तरह की फल सब्जियों की नस्ल को क्रोस कर कर के विभिन्न प्रकार की नयी नयी किस्मे पैदा की जा रही हे जो की बारह मास  हरी भरी रहती हे ,यकीन जब गुणवता की बात आती हे तो ""सारा  गुड गोबर हो जाता हे और याद करते ही मूह का स्वाद कसेला हो जाता हे |इसी प्रकार ये क्रोस हो कर पैदा किये हुवे हिन्दू माता और मुस्लिम विधर्मी पिता की वर्ण संकर संताने होती हे |ये रक्त संक्रमित और सकृतिक संक्रमित संताने विभिन्न प्रकार की कूधारनवो  की  उपज होती हे |क्योकि जब इनका विधर्मी पिता जब इनकी माँ के गर्भ में इनका बीज पटक रहा होता हे तो उसे पता होता हे की में में इस लड़की या इस स्त्री के साथ धोखा  कर रहा हूँ .तो आप सोच ही सकते हे की उस की मानस संताने किस नस्ल और मानसिकता वाली पैदा होंगी ?

इन वर्ण संकर संतानों को आजादी के पहले बड़ी ही हेय द्र्स्टी से देखा जाता था !!लेकिन आजादी के बाद नेहरु गाँधी खानदान ने इन्हें इज्जत बख्शने का बीड़ा उठाया और इस परिवार ने इन्हें अंग्रेजी का बड़ा ही इज्जतदार तमगा दिया ""सेकुलर ""हिंदी में धर्मनिरपेक्ष ?!!क्योकि नेहरु गाँधी खानदान स्वयम विभिन्न गंदी और सूगली जाती सम्प्रदायों का ""गन्दा बीलोना "" हे !!!पैदा होते ही अपने को अलग ही वातावरण  और माहोल में पा कर इन पैदा हुयी मानस सेकुलर संतानों का सबसे पहला उद्देश्य होता हे हिन्दू समाज और हिन्दू धर्म को गरियाना क्योकि में  पहले ही लिख चूका हूँ की इनकी माँ के गर्भ में इनका बीज पटकते समय ही इनके बाप का पहला उद्देश्य ये ही होता हे और रती क्रिया के समय भी वो ये ही मन्त्र  बोला करता हे की केसे हिन्दू धर्म और हिन्दू समाज को गरियाया जाये ?ये बड़ी शराफत से सेकुलरता का चोला ओढ़ कर मानवाधिकार करते करते हिन्दू धर्म समाज की खिलाफत करते हे ,जबकि इनके लिए मानवाधिकार का उल्लघंन सिर्फ और सिर्फ हिन्दू ही करते हे क्योकि ये वर्ण संकर सेकुलर अपने पितृ पक्ष के धर्म के प्रती छुपे हुवे मजबूत रहते हे और उसके विस्तार  के लिए जो हो सके वो करते हे |इनके बाप जो की अपनी धार्मिक कट्टरता कभी नहीं छोड़ते हे जरूरत पड़ने पर अपनी रखेल जेसी  पत्नी को छोड़ देते हे और जरूरत पड़ने पर बेच भी देते हे !!इनकी मानस सेकुलर संतानों का सबसे बड़ा हतियार ""सेकुलरता होती हे जिसे ये आम और भोले भले हिंदुवो को आसानी से बहका देते हे और वो धोखे  में आ जाता हे |इसी सेकुलरता का फायदा उठा कर ये हिन्दू समाज और परिवारों में पेठ जमा लेते हे और अपनी वर्ण संकरता की गन्दगी वंहा भी फेला देते हे ,क्योकि वेदेशी चन्दो और भीख से पोषित इनकी ठाठ बाट की जिन्दगी को आम हिन्दू आधुनिकता की निशानी मान कर भ्रम में आ जाता हे और हिन्दू लडकियों को ये आसानी से शिकार बना लेते हे |एक कड़ी बेल का ""तूम्बा ""मीठे तूम्बूवो में जा कर मीठा  हो जाता हे ,लेकिन ये वर्ण संकर इंसानी ""तूम्बे ""अकेले सो सूधार्मिक इंसानों को सेकुलर बना देते हे क्योकि घातक  संकरमन्ता   के वायरस  जल्दी फैलते हे ये बात विज्ञानं भी मानता हे |पिछले साठ सालो से ये प्रचारित किया गया हे आप सेकुलर नहीं हो तो  पिछड़ेपन की निशानी हे ?
यंहा वंहा संकरमण फेलाते ये वर्ण संकर सेकुलर तूम्बे हिन्दू समाज और रास्त्र के लिए भुत ही घातक हे ये और घातक साबित ना हो जाये इस लिए इनकी पोल खोलना भुत जरूरी हे |क्योकि सेकुलरता एक निरपेक्ष स्थिति ना हो कर एक गाली हे |क्या कोई सूधार्मिक धर्म सापेक्ष व्यक्ती क्रोस कर के पैदा हुवा कहलाना पसंद करेगा क्या ?और जो क्रोस होकर ही पैदा  हुवा वर्ण संकर हे और इस धरती पर एक शाप के रूप  में आ ही चूका होता हे  तो उसकी तो मजबूरी हो ही जाती हे की केसे दुष्प्रचार और झूट से अपनी स्थिति मजबूत की जाये ?क्योकि  इसके सीवा उसके पास कोई चारा भी नहीं होता हे |क्या इस पवित्र धरा पर एक हिन्दू धर्म निरपेक्ष होकर जीवन जी सकता हे ?
उतर _कभी नहीं क्योकि हिंदुत्व एक सिर्फ धर्म ना होकर एक सम्पूर्ण जीवन पद्दति  हे |
वन्देमातरम

Monday, September 19, 2011

अपने गिरेबान में झांके वर्ण संकर छद्दम सेकुलर !!!

२००२ में गुजरात में गोधरा के बाद हुयी स्वस्प्रूत हिंसा में हिन्दू मुस्लिम लोग दोनों मरे गये थे |उसी के बाद से छद्दम सेकुलरो और वामपंथियो विदेशी पोषित बुद्दिजीवियो की सुई यंही अटक गयी हे जबकि नरेंद्र मोदी जी का गुजरात देश में सब से आगे निकल चूका हे |इन्हें पूछना चाहता हूँ की सत्ता की कटु लालसा में दलाल नेहरु और अंश्न्बाज लंगोटी वाले गाँधी ने १९४७ में देश का विभाजन करवाया परिणाम स्वरूप लाखो हिन्दू मुस्लिम का कत्ले आम हुवा ,लाखो अब्लावो ओरतो की इज्जत लूटी गयी करोड़ो लोगो को बेघर कर दिया गया |अकेले नोआखाली में लाखो हिंदुवो को सो काल्ड लंगोटीबाज की अहिंसा के मन्त्र में काट डाला गया |यानि चारो तरफ इतना अराजक माहोल था की यदि कोई सच्चे दिल का आदमी होता और सच्चा मानवता वादी तो ऐसी निर्मम सत्ता के ठोकर मार कर इंसानियत की सेवा के लिए तुरंत नेतिकता के आधार पर प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बेठने से मना कर देता ,लेकिन सत्ता के दलाल नेहरु ने सत्ता की हसीना को ऐसे गले लगाया की ६ दशक तक सत्ता इसकी और इसके परिवार की बपोती बन गयी |नेहरु के बाद भी सत्ता के नशे में इस परिवार के कूकर्म कम नहीं हुवे ,एक से बढ़ कर एक कूक्र्मो की नुमाइश इस परिवार ने सत्ता के नशे में की ,भारत के दुश्मन अंग्रेज जिस भारत को जोड़ कर गए थे उसी भारत को तोड़ने का ""खोडला ""कर्म सत्ता के दलाल इस परिवार ने किया !!
आज ये ही नरेंद्र मोदी जी को राजधर्म का पाठ पढने की सलाह देते जिसके खानदान के प्रत्येक सद्शय के हाथ आम आदमी के खून से रंगे हे ,चाहे किस भी प्रकार से इन्होने जुल्म किये हो ?चाहे सिखों का कत्ले आम हो ,चाहे कश्मीरी पंडितो का कत्ले आम और बेघरपना हो ,चाहे भोपाल गेस कांड में मारे गये ३०००० लोगो पीड़ा हो ,ऐसा राजनितिक घोर पापी परिवार विश्व के पटल पर कंही कभी नजर नहीं आता हे |ये नरेंद्र मोदी जी पर उंगली उठाने की जुर्रत करते हे ?नरेंद्र मोदी जी जेसे शेर तो सदियों में पैदा होते हे ,जो ऐसे पापी खानदान का अंत करने के लिए ही पैदा होते हे v@

Monday, September 12, 2011

छद्दम सेकुलर वर्ण संकरो के मूह पर सुप्रीम कोर्ट का जूता पड़ा !!!

2001 के बाद पिछले दस सालो से गुजरात और रास्त्र के सबसे यशस्वी सी.एम् नरेंद्र भाई मोदी के खिलाफ एक विशेष प्रकार की ओरंगजेबी और चंगेजी नस्ल के कुत्तो और विदेशी पोषीत कूतियावो का झूंड पीछे पड़ा था ,अब विभिन्न माध्यमो से नसबंदी होने के कगार पर हे और कई श्वान भोख बोख के ,कूंका कूंका के शांत हो गए हे |आज बहुत ही हर्ष का दिन हे की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र भाई जी मोदी के खिलाफ अहसान जाफरी की पत्नी के दुआरा राजनितिक विदुएश पूर्वक लगाये गए इल्जामो की सुनवाई और निगरानी आगे भविष्य में रखने से इनकार कर दिया हे और फेसला भी निचली अदालत को सोप दिया हे |

माननीय सुप्रीम कोर्ट के कारण ही इन दिनों काफी देश को प्रभावित करने वाले मामलो और भ्रस्टाचार के मामलो में जाँच आगे बढ़ी हे और प्रभावी कार्यवाही हुयी हे |नहीं तो यु.पि ऐ.सरकार तो देश का तियापांचा करने में थी |अब ज्यो ही भाई नरेंद्र नरेंद्र मोदी जी के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फेसला आया और इधर छद्दम सेकुलरो और विदेशी टुकडो पर पोषित विभिन्न ईसाई.एन.जी.ओ ,न्यूज़ चेनलो के भांडोकी जो नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ कूप्रचार का घ्रिणित अभियान चलाये हुवे थे ,अचानक ""भारा कूटे ""पर उतर आये जेसे इनकी माँ विधवा हो गयी हो !!!कहने लगे हमें न्याय पर भरोसा नहीं रहा ,हमारे साथ अन्य्याय हो गया ,हम उन विदेशी मिशनरियो और अरब जिहादी संघटनों को क्या मूह दिखायेंगे जिन से हम रास्ट्रवादी ताकतों के खिलाफ मूह से पेशाब उगलने के लिए करोड़ो डोलर भिक्षा में लेते हे ?अब ये तथाकथित विदेशी ताकतों के दल्ले ठंडे पड़ते दिखाई दे रहे हे |जिस प्रकार जनमत का माहोल बन रहा हे इन के पिछवाड़े सुलग रहे हे |अब ये दोगुनी ताकत से नरेंद्र भाई मोदी जी के खिलाफ षड्यंत्र रचने की कोशीश करेंगे ,इनका केंद्र की एजेंट कमला नामक लोकायुक्त हथियार भी फ़ैल हो गया |

अब सोनिया और उसकी नाच दिखाऊ और खाना पकाऊ मण्डली ""रास्ट्रीय सलहाकार परिषद ""के कहे अनुसार साम्प्रदायिक लक्षित हिंसा विधेयक बिल पारित करवाने की कोशीश की जारही हे वो भी इसी का ही एक हिस्सा हे ,की किस प्रकार भा.ज.पा शासित राज्यों में दंगे करवा कर इस कानून का दुरपयोग वंहा की सरकारों को गिराने में ब्रखास्त किया जाने में किया जाये !!लेकिन यंहा आते आते तो इन वर्ण संकरो के वो चोट पड़ेगी की ये सात जन्मो तक नपुसंक ना बन जाये? |नरेंद्र मोदी जी जिन्दाबाद |माँ जगदम्बे का आशीर्वाद नरेंद्र जी भाई पर हमेशा था और हमेशा बना रहेगा ,में भवानी से उनकी कुशल और मंग्लता की कामना करता हूँ |
वन्देमातरम

Tuesday, May 24, 2011

अजमल कसाब यु.पि.ऐ का दामाद ,४० करोड़ खर्च !!!!!

यु।पी ऐ सरकार दुवारा बनाये गए अपने दो दामादो अजमल कसाब और अफजल गुरु को अब अखिल भारतीय दामाद बना दिया गया हे |ये केसी और विडम्बना और रास्ट्र का दुर्भाग्य हे की वोटो की सस्ती राजनीती और तुस्टीकर्ण के चकर में उन्ही खूनी भेडियो की सुरक्षा पर भारतीय नागरिको की की गाढी टेक्स की कमाई का अरबो रुपया खर्च किया जा रहा हे ,जिन्होंने भारतीय अस्मिता का बलात्कार खुले आम किया ,सेकड़ो मासूम निर्दोष लोगो को लाइव टेलीविज़न प्रसारण पर कत्ले आम कर दिया गया ?

दोस्तों फिर एक और कंधार कांड होने का इन्तजार किया जा रहा हे ,फिर और इन अखिल भारतीय दामादो को वेसे ही ही छोड़ना पड़ेगा जेसे पहले छोड़ा गया था |विडम्बना तो देखिये तथाकथित भारतीय छद्दम सेकुलरो(सेकुलर यानि या तो अपने बाप का पता नहीं या सभी को अपना बाप मानता हो ) को इस बात से भी पीड़ा हे की लादेन को अमेरिका ने गोली क्यों मारी ?

वो अमेरिका हे वो तथाकथित उन भारतीय छद्दम सेकुलर भड्वो कीतरह नहीं जो वोटो की खातिर अपनी बहिन बेटी का सोदा भी एक रात के लिए गठबंधन बचाने के लिए अगली पार्टी से कर दे |अमेरिका का अपना रास्ट्रीय चरित्र हे ,इजरायल का हे समस्त यूरोपीय देशो का रास्ट्रीय चरित्र हे |भारत के अनेक का नागरिको रास्ट्रीय चरित्र नहीं हे क्यों की ये धरती विभिन्न लूटेरो देशो के आक्रमण कारियों और वर्ण संकरता की प्रयोग भूमी रही हे |

दुर्भाग्य से पिछले 6o सालो से ऐसे ही वर्ण संकर परिवार का इस देश पर राज रहा हे जिस का एक मात्र मकसद इस देश की गद्दी पर बेठ कर येन केन प्रक्रेन इस देश छाती पर मूंग दलना हे ,सत्ता पर पकड़ बनाये रखना हे चाहे इस के लिए देश के टुकड़े करने पड़ जाये |चायना के नागरिको और अपने देश के नागरिको के रास्ट्रीय चरित्र में कोई अंतर नहीं हे लेकिन उस देश का सोभाग्य हे की वंहा सत्ता स्टील कवर वाली मिली हे |और अपने देश का दुर्भाग्य हे की यंहा अधिकतर समय हिन्जदो ने राज किया हे और तो और इंदिरा गाँधी के समय तो देश के लोगो को ही जबरदस्ती नसबंदी दुवारा हिंजड़े बनाने की कुटिल कोशीश की गयी!!

नरेंद्र मोदी ,बाबा रामदेव जेसे मर्द और रीढ़ वाले नेता ही इस देश को सही और मजबूत नेत्र्तव दे सकते हे |वो ही कसाब और अफजल गुरु जेसे खूनी भेडियो को पकड़ने दुसरे दिन ही गोली मरवा कर किस्सा ख़त्म करवाने की हिम्मत rakh सकते हे |ये ही नेता ऐसे हे जो दाउद इब्राहीम और हाफीज सईद जेसे खूनी भगोड़ो को पाकिस्तान में घुस के उनके चीथड़े बिखरवाने की जरूरत कर सकते हे | क्या बीतती उन सुरक्षा कर्मीयो और आम नागरिको के परिवारों पर के जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया और उन्ही के टेक्स के पेसो से ही उनके हत्यारों को बिरयानी खिलाई जा रही हे ?अब मोका हे ऐसे वर्ण संकर और वोटो के घोर लालची नेतावो को सत्ता से उतार फेंको | इनके पिछ्वाड़ो पर पेट्रोल डाल के आग लगा दो @!! वन्देमातरम

Wednesday, May 18, 2011

बाबा रामदेव जिंदाबाद

सबसे ज्यादा भ्रस्ट और काला धन भारतीय इतिहास के रास्ट्रीय कलंक नेहरु छदम गाँधी परिवार के पास हे (छदम गाँधी इस लिए की जब इंदिरा गाँधी उर्फ़ मेमिनो बेगम को फिरोज गाँधी ने भगा के इंग्लेंड में धर्म परिवर्तन करा के शादी कर ली थी तो नेहरु परिवार में हडकंप मच गया तब तथाकथित शांति अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी ने अपने नाम के आगे गाँधी लगाने को कहा जिस से लोगो को उल्लू बनाया जा सके )|सोनिया का पिता सेकण्ड वर्ल्ड वार में रुस्सियो के हत्त्ते चढ़ गया था ,जान के बदले इसने रसिया खुपिया एजेंसी के.जे.बी के लिए काम करना शुरू किया ,इसी का एक हिस्सा सोनिया गाँधी भी थी |के.जे.बी ने राजीव गाँधी के खाते स्विस बैंको में खुलवाये थे |इन खातो में पार्टी फंड के नाम से पैसा जमा होता था | 1991में राजीव गाँधी की मर्त्य के बाद ये खाते उसके पुत्र राहुल गाँधी के नाम से संचालित हो रहे हे |एस .गुरुमूर्ति के अनुसार इस समय इन खातो में 11.19 अरब डालर यानि 84000 करोड़ रूपये के आस पास हे |भारत की 1 अरब 30 करोड़ जनता एक परिवार की जूती के नोक पर हे 50 सालो से !!!!!!!!!ये चाहे तो गुस्से में आकर लोगो की जबरदस्ती नसबंदी कर सकते हे |ये चाहे तो आपात काल लगा के लाखो लोगो को जेल में ठूंस सकते हे ,ये चाहे तो स्वर्ण मंदिर कांड कर सकते हे ,ये चाहे तो 3000 हजार निर्दोष सिखों को मोत के घाट उतर सकते हे ,ये चाहे तो शाहबानो प्रकर्ण में न्यालय का फेसला ठुकरा कर एक ही देश में दो तरह के कानून चला सकते हे ,ये चाहे तो हिंदुवो को आतंकी घोषित कर सकते हे उनकी आस्था के प्रतीक चिन्ह भगवा को आतंकियों का निशान बता सकते हे |ये चाहे तो कश्मीर को सारे भारत की छाती पर मूंग दलवा सकते हे ,ये चाहे तो जन जन के अराध्य भगवान राम के अस्तिव को नकारने वाला दावा कोर्ट में पेश कर सकते और राम सेतु को तुडवा सकते हे ,ये चाहे तो अजमल कसाब और अफजल गुरु अखिल भारतीय दामाद बना सकते हे ,ये चाहे तो बंगलादेशियो समस्त भारत के समन्धि बना सकते हे ,ये चाहे तो भारत की 70% जनता महंगाई बढा के दाने दाने को मोहताज कर सकते हे ,ये चाहे तो अरबो खरबों के घोटाले कर के बाइज़त रह सकते हे ,इनकी इच्छा हो तो ये अलगाव वादियों नक्सलवादियो के समर्थको को योजना आयोग में जगह दे सकते हे |फिर भी इनका दिल ना भरे तो ये अरनाथ यात्रा पर तीन गुना टेक्स और उधर हज पर सबसीडी बढा सकते हे ,फिर दिल करता हो तो भगत सिंह सहदेव राजगुरु आदि क्रांतीकारियों को हत्यारा और आतंकवादी बता सकते हे |भाइयो कब तक पूरा देश इस वर्ण संकर खानदान की गुलामी में पिस्ता रहेगा ?
आग लगा दो सालो के |अब भी समय हे जागने का ,बाबा रामदेव की पुकार सुनो और उठ खड़े होवो इन मूह पर खून लगे नर मादा भेडियो के खिलाफ खूब नोच लिया इस रास्ट्र को इन्होने |!!!!!!!!!!

Saturday, April 23, 2011

धर्मनिरपेक्षता एक गाली और रंडी की ओलाद वाली बदनामी !!!!!!

ब्लॉग जगत के वरिष्ठ लेखक श्री बी.एन शर्मा का एक बहुत ही असरकारी वाक्य हे की धर्मनिरपेक्ष होना उसी प्रकार हे जिस प्रकार """या तो अपने बाप का पता नहीं या सभी को ही अपना बाप मानता हो ?""|अंग्रजो की मेकाले शिक्षा पद्दति के प्रभाव से ये मानसिक मनोरोग उन इंसानी सुवरो को जल्दी चपेट में लेता हे जो तथाकथित आधुनिक वादी प्रगतीशील हे |दुर्भाग्य से भारत भूमी पर ऐसे वर्ण संकरो की संख्या आजादी बाद बहुत तेजी से बढ़ी हे |भारत ने प्राचीन काल से अनेक विकट आक्रमण सहे हे ,काफी विदेशी जातिया यंहा आके बस गयी लेकिन मुस्लिम आक्रान्तावो और अंगरेजी साम्राज्य के बाद यंहा के मूल निवासी अपनी सभ्यता संस्क्रती को ही भूल गए हे |

जेसे की अपने मूल स्वाभाव के अनुसार कांग्रेस (कमीनेपन में किसी को भी नहीं टिकने देती हे) ,ने भी धर्मनिरपेक्षता नामक मानसिक मनोविकरती को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया और हिन्दुवी से ही हिंदुवो के खिलाफ बड़ी चतुराई से काम में लिया |आज भी अब भोथरे होते इस हथियार को काम में ले रही हे |आखिर धर्म निरपेक्षता क्या बला हे ?धर्म और राजनीती को अलग कर दिया जाये वो रास्ट्र के लिए अभिशाप बन जाती और पब्लिक के लिए अत्याचार |संविधान की मूल भावना में भी धर्म निरपक्ष शब्द का कोई उल्लेख नहीं हे ,बांटो और राज करो की नीति के तहत राजनितिक कमीनो ने इस वायरस को पैदा किया ,भाररतीय विविध्तावो ,विभीन्न जातियों धर्मो के कारण ये कूधारना बहुत तेजी के साथ फेली क्योकि कांग्रेस पैदा ही हुयी एक अंग्रेज के स्पर्म से |
धर्म निरपेक्षता जेसे कूधारणा पहले कभी नहीं थी आजादी अलसभोर में वर्णसंकरो ने वोट बैंक के लिए इसका तेजी से किया प्रचार किया और केवल और केवल हिदुवो के खिलाफ |रास्ट्रपिता कहलाने वाले अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी ने भी धर्म निरपेक्षता के बहाने आजादी के समय लाखो हिंदुवो का कत्ले आम करवाया और ये धर्म निरपेक्षता केवल हिंदुवो पर ही लागु हुई |संसार में केवल अपने जेसा एक ही रास्ट्र होने के बावजूद हिदुवो एक हिन्दूरास्ट्र से वंचित कर दिया गया |गंगा जमना संस्क्रती जेसा रबड़ का बोबा दे कर हिंदुवो को बहका दिया गया और जो सच्चे रास्ट्रवादी थे उन्हें अंग्रेजो से मिल कर परे कर दिया गया और खत्म करवा दिया गया |भारत भूमी पर तीन चोथाई हिन्दू होने के बावजूद उन्हें सांस्क्रतिक विरासत से दूर कर दिया |यानि जो रक्त संक्रमित थे सत्ता की बागडोर उन्ही की हाथो में चली गयी |

आज ये सत्भेले रक्त संक्रमित ही धर्म निरपेक्षता और गनगा जमुना संस्क्रती की दुहाई देते हे ,यंहा वंहा सेकुलरिज्म की चंग पीटते रहते हे ,एक बात तो पक्की हे जो भी सेकुलर्ता का बाजा बजता रह्ता हे तो पक्का समझिये की उसके खून के अंश में कंही ना कंही मलीछो के रक्त की मिलावट हे क्योकि अपनी रास्ट्र संस्क्रती को वो ही भूल सकता हे जो विदेशी रक्त की संतान हो क्यों की खून हमेशा बोलता हे |भारत रास्ट्र में एसे वर्ण संकरो की बहुत ज्यादा भरमार हे क्यों की वेदिशी आकरंतावो ने सबसे ज्यादा भारत को ही रोंदा हे ,वो तो मर गए लेकिन संक्रमित गंदगी के कीटाणु यंही छोड़ गए |आज भारत में सेकुल्लर गंडको की बाढ़ सी आ गयी हे अपने को ज्यादा सेकुलर दिखाने के चक्कर में ये बाप को बाप कहना भूल जाते हे उल्टा उसे पहचानने से इनकार कर देते हे ,सेकुलर लोग अगले पक्ष को ही अपना बाप मान के चलते हे |सेकुलर होना कायर होने की निशानी हे क्योकि इनमे अक्सर साहस की कमी होती हे ,सेकुलर लोग अवसरवादी होते हे मोका पड़ने पर ये ये अपनी बहिन बेटियों को कोठे पर बिठाने से नहीं चूकते हे अपने फायदे के लिए यंहा तक की अपनी माँ को भी बेच सकते हे |सेकुलर लोगो का एक मात्र उदेश्य अपना फायदा होता हे क्योकि इनमे जमीर नाम की कोई चीज ही नहीं होती हे |सेकुलर श्वानो में नेतिकता नाम कोई भावना नहीं होती हे ये लोग इश्वर को कभी साक्षी नहीं मानते हे |केवल हिन्दू सेकुलर लोग अधार्मिक होते क्योकि धर्म इनके लिए एक गाली के समान हे इनके सामने हिन्दू धर्म की बड़ाई कर दे तो ये लंगड़ी घोड़ी की तरह बिदक उठते हे बाकी धर्म इन्हें मानवतावादी लगते |नकली सेकुलरता का कीटाणु हिंदुस्तान में ज्यादा पाया जाता हे क्योकि हजारो सालो से वर्ण संकरता की प्रयोग भूमी रही हे |हिन्दू सेकुलर लोग अन्य धर्मो के लिए तो घोडी बने रहते हे लेकिन हिन्दू धर्म का नाम लेते ही इनकी भाभी विधवा हो जाती हे |सेकुलर लोग अरास्ट्र वादी और देशद्रोही होते हे क्योकि रास्ट्रीय भावना रखना एक धर्म होता हे और धर्म इनके लिए कूनेन की गोली हे |
सेकुलरता और सत्ता का गठजोड़े होते ही इन में एक विशेष प्रकार का कमीनापन आ जाता हे जो आप वर्तमान में देख ही रहे हे |सेकुलरता केवल हिंदुवो के लिए ही हे क्योकि हिन्दू गाय हे सेकुलरता का सांड हिंदुवो पर चढ़ाना आसान होता हे |हिंदुस्तान में बाकी सभी धर्मो के लिए ये एक शब्द मात्र हे |देश को बाँटने में हिन्दू सेकुलरो का ही हाथ हे ,इन सेकुलरो की गंगा जमना तहजीब की दुहाई अब और देश के टुकड़े करने में आमदा हे |
सेकुलर लोग इस देश को तबाह करने पर उतारू हे ,लेकिन इनका ये इरादा कभी पूरा नहीं होगा क्यों की अब जनता जाग रही हे |आज सेकुलर कंही ने कंही शर्मिदगी महसूस करता हे ,की में क्या हूँ ,उसे एसे महसूस होता हे की कंवारी के जन्म लेने पर उसे कपडे में लपेट के छोड़ दिया गया ,सेकुलर दुसरो के सामने तो बड़ी नक्टाई करता हे लेकिन अंदर ही अंदर अजीब सी बेचेनी में घुटता रह्ता हे |
दोस्तों जितनी भी जाग्रति आयी हे और आ रही इसे जारी रखना हे सेकुलर लोगो ,रास्ट्र द्रोहियों ,समाज कंटको की के इरादों को अब और घ्याबिन नहीं होने देना हे इनकी नसबंदी यु ही जारी रखनी हे जब जेसे मोका लगे इनकी गोलिया फोडनी हे |मंजिल थोड़ी कठीन हे लेकिन इंटरनेट संचार माध्यम ने एक हिस्से को अवश्य जाग्रत किया हे इसी जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाना हे |
वन्देमातरम

Friday, April 22, 2011

फिर भोखे नरेंद्र मोदी पर

जिस प्रकार मीडिया में और इन्टरनेट पर यु.पि .ऐ सरकार और भ्रस्ट नेतावो के भ्रसटाचार का भूत पीछे पड़ा हे किसी भी प्रकार से राहत नहीं मिल पा रही हे ,तो ये शिफूगा तो छेड़ना ही था |इस भ्रसटाचार के मुद्दे पे यु.पि ऐ सुप्रीमो सोनिया गाँधी को भी लपेटा जा रहा हे हालाँकि भ्रस्ट और बिकाऊ प्रिंट मीडिया और विजुअल मीडिया की तो इसी ओखात नहीं हे और लोगो को विश्वास भी नहीं लेकिन सोसिअल नेटवर्क साइटों और ब्लोगों पे इनके किस्से खूब उछल रहे हे ,इसे से सरकार असहज हे और बुखार में गर्म मूत कर रही हे |में कोई भो मुद्दा इस भ्रस्ट कांग्रेस और सरकार के खिलाफ उठता दिखे तदाक नरेंद्र मोदी का कोई भो मुद्दा उठा तो अब विजुअल मीडिया को तो नरेन्द्र मोदी के नाम से हिस्टीरिया का दोरा पद जाता हे |मीडिया को संचालित ही जेहादी और कूरेसेड़ ताकते कर रही हे |ये आई.पि.*** भट्ट इतने दिन कंहा खाज खुजा रहा था की ,पिछले आठ सालो से केंद्र में भी इ***े ताई जी की सरकार हे ,और ये भी अधिकारी सेंटर का हे .फिर अचानक इ***ा जमीर आज ही केसे जाग उठा ,दिल में अचानक ही क्यों मानवता हिलोरे लेने लगी ?क्या ताई जी इनाम मिलने वाला हे ?दोस्तों भ्रस्ट ,घाघ , *** कुटिल सोनिया गाँधी जेसी ओरत कुछ भी कर ***ती हे |हम सभी मिल केर अपने ९स अभियान को यूँ ही जारी रखेंगे | वन्देमातरम

Sunday, April 17, 2011

अन्ना हजारे आप कामयाब होंगे |

कुत्तो और सियारों का भोंकना जारी हे ?जब तब आसमान की और मूह करके अपनी नस्ल का परिचय दे रहे हे |और जब कुत्ते पागल हो जाते हे तो और ज्यादा खतरनाक हो जाते हे |जब से बाबा रामदेव ,अन्ना हजारे और अन्य सामाजिक संघटनों ने सदी की महाभ्रस्ट कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनी लांग खोली तो बेशर्म और बेगरत सरकार और कांग्रेस के पाले हुवे गंडक इनके खिलाफ छोड़ दिए गए हें |ये बेशर्मी की प्रकाष्ठा हे |""नकटा बूंचा सबसे ऊँचा ""वाली कहावत पर चल रही कांग्रेस और यु.पी। ए । सरकार सत्ता की दलाली में इतनी अंधी हो चुकी हे की समाज सेवी और तबियत से फकीर अन्ना हजारे जेसे व्यक्ती से संपती का हिसाब का ब्यौरा मांग रही हे |गोरी महारानी के इशारे पे दिग्ग्गी जेसे ओरंग जेबी नस्ल के श्वान और कपिल सिब्ब्बल जेसे हाय प्रोफाइल डकेत एक साथ भोंक रहे हे |
जिस तरह अन्ना की खुली लांग देख घबराई भ्रस्ट सरकार तीन दिन में अन्ना के सामने दंडवत हो गयी थी उसी तरह चोरो की जमात के सरगनावो और उनके रखवाले शवानो को आगे कर इस आन्दोलन को ठंडा पटकने और बाँटने में रात दिन एक किये हुवे हे जिसमे ये सालो से माहिर हे |भ्रस्ट और क्रय किये हुवे मीडिया का एक तबका भी इसकी साथ दे कर खरीदार मालिको का अहसान चूका रहा हे लेकिन वो भूल चूका हे की सांप बोम्बी में घुस चूका हे और अन्ना जनमानस में |लोग दिखाऊ मांगे मान के सरकार अपने no बढवाने के चक्कर में गलत आदमी के साथ फंस गयी हे की बाद में मेंनेज कर लेंगे ?
इसी मैनजमेंट के तहत जन सिमिति के सद्श्यो पर कीचड उछाला जा रहा हे ?बायड आने पर भोंकने वाले कुतो की तरह हमेशा की तरह दिग्गी को आगे कर दिया गया हे जो हमेशा मूह आसमान की तरफ उठाये रह्ता हे |लेकिन ज्कन्हा तक उम्मीद हे अन्ना हजारे और अन्य सद्श्य इन कुत्तो के साथ साथ इस सरकार का भी बंध्य करने में सफल होंगे |हमारी शुभ कामनाये इनके साथ हे |
वन्देमातरम

Friday, January 21, 2011

घोर अन्धकार में उजाले की एक किरण नमो भाई नरेन्द्र मोदी

वर्तमान के राजनितिक घोर अन्धकार , रास्ट्र रास्ट्रवासियों पे छाये घोर संकट में आने वाला समय अत्यंत भयावह दिख रहा हे |वर्तमान हर भारतीयों के जीवन के हर क्षेत्र में घुस चुके संक्रमण काल में वाह दिशा सुल सा हो चूका हे |मुद्दे गिनाने कि आवश्यकता यंहा नदी के किनारे बेठ के पत्थर फेकने जेसे व्यर्थ होगा |रास्ट्र के भविष्य के बारे कुछ भी समझ नहीं आ रहा हे कि वो क्या होगा ?कहते हे प्रजा का भाग्य राजा के भाग्य स जुड़ा होता हे ,यदि राजा या शासक कि नियत सही हे तो राज्य या रास्ट्र उन्ती पथ पर तेजी आगे बढ़ता हे वंहा कि प्रजा खुशहाल रहती हे |गुजरात और पडोसी देश चाइना चाइना इस के उदाहरण हे |और यदि नियंता ही चरित्र हीन और कूनिती वाले हो तो वंहा त्राहि मान मच जाता हे जेसे वर्तमान शेष भारत और पाकिस्तान इसके ताजा नमूने हे |
भूमिका कफी बंध चुकी हे अब आते हे मुख्य मुद्दे पर आते हे |वर्तमान में सत्ता के शिखर पे शुन्य हे ,कोई नेत्र्तव वाली स्थिति नहीं हे उल्ट परदे के पीछे से साजिशो के सरगना और रास्ट्र भंजक ताकते शक्ति शक्ति शाली रूप से हावी हे | नेत्र्तव विहीन रास्ट्र आगे नहीं बढ़ता हे बल्कि शोषण अन्याय के पीछे घसीटता चलता जाता हे| इसी नेत्र्तव विहीनता की स्थिति में भारतीय नागरिक समाज की कर्तव्य मूढ़ हे ?पोरानींक ज़माने से लेकर आज तक नायको में अपना उदार ढूढने वाले भारतीय जनमानस को आज भी एक राजनेतिक नायक की आवश्यकता हे जो रास्ट्र समाज को विशव में एक मिसाल दे ,जेसे दबे कुचले चीन को सुपर पॉवर बना दिया |वर्तमान राजनीती के केन्द्रीय परिद्रश्य में कोई नेता ऐसा नजर नहीं आता हे |अटल बिहारी वाजपेयी ने पांचसाला मिसाल पेश की थी लेकिन भारतीय जनता की क्षेत्रीय आकांक्षावो ने उसको ध्वस्त का दिया |इन सभी घटाघोप अंधेरो के बीच आशा की किरण भी हे वो हे पूरे रास्ट्र में युवावो के लोकप्रिय विकास और हिन्दुत्व के आइकोन गुजरात के हीरो और मुख्यमंत्री ""श्री नरेंद्र भाई मोदी |
जिस प्रकार इन्होने गुजरात का चहिमूखी विकास कराया हे शांति और स्थिरता दी हे इनकी नेत्र्तव क्षमता पे इनके घोर विपक्षी भी इन पर ऊँगली नहीं उठा सकते हे |जिस प्रकार इन्होने गुजरात को विकास का रोल मॉडल बनाया हे इनकी राजनितिक सुझबुझ का आर्थिक ज्ञान व् विभिन्न विकासौमुखी योजनावो की समझ का परिचय देता हे |राजनितिक ,आर्थिक ,गृह ,डिप्लोमेसी ,तकनिकी ,ओद्योगिक ,शेक्षिक ,कार्षिक ,करीब करीब सभी विषयों की समझ रखने वाले नरेंद्र भाई ने गुजरात को चमन बना दिया |इस रीढ़ विहीन नेता गिरी और परिवार वाद के दोर में नरेंद्र भाई संघ की भट्टी में तप के निकलने वाले खरा सोना हे |अटल बिहारी वाजपेयी की जेसे आजीवन कंवारे रह के रास्ट्र सेवा का प्रण लेने वाले नरेंद्र भाई ही एक मात्र रीढ़ वाले नेता हे जो सोनिय गाँधी को सीधी चुनोती देने का साहस रखते हे |"'स्टील मेन "' के नाम विख्यात नरेंद्र भाई के फेस बुक पे ९०००० फोलोवर हे जिस से इनकी लोकप्रियता का अंदाज लगाया जा सकता हे जबकि तथाकथित अधेड़ युवा ?भोंदू बाबा राहुल गाँधी ४०००० हजार फोलोवर hi हे |
वर्तमान की स्थ्तीयो को देखते हुवे नरेन्द्र मोदी ही अगले प्रधान मंत्री पद के उपयुक्त दावेदार हे ,केन्द्रीय बी .जे .पी भी ये बात गाँठ बांध ले की अगले चुनावो यदि वो मोदी जी को प्रधानमंत्री के लिए अचानक प्रमोट करे तो जनता में मोदी की वो लहर बनेगी की इनके तूफ़ान में बड़े बड़े सुरमा घास के तिनको की तरह बह जायेंगे |गुजरात के २००२ के दंगो के बाद विरोधी ,रास्ट्र विभाजक शक्तिया व् सेकुलर मीडिया भांडो ने जाँच एजेंसियों दुआरा राजनितिक षड्यंत्र के मोदी को घेरने की खूब कोशीश की अंत में इनके उल्टा जूता मूह पे पड़ा |भोंदू बाबा के प्रधान मंत्री के सपने देखती कांग्रेस और सोनिया गाँधी की सबसे बड़ी बाधा भाई नरेन्द्र मोदी ही हे |नरेन्द्र भाई की तुलना में इस भोंदू की ओखात दो कोडी की भी नहीं हे ,लेकिन एक अभियान के तहत जिस तरह भांडो दुआरा मीडिया कैम्पेन चलाया गया , और भावनात्मक वीक भारतीय पब्लिक झांसे में आती गयी लेकिन कहते हे ना की झूंट के पांव नहीं होते हे इसकी कलई बिहार चुनाव में खुल गयी ,उसके बाद में उलूल जुलूल बयानों ने तो इस मिस चीफ को पब्लिक में मानसिक रूप से नंगा कर दिया |कांग्रेस २००५ के बाद मोदी बनाम भोंदू बाबा केम्पेन चलाती आई हे ,लेकिन वो कहते हे ना की घर में ही चाकू पड़ा हो तो रस्सी काटने के लिए बाहर दुकान से ब्लेड मांगने की क्या जरूरत ?बी .जे .पी में भी कई नेता ऐसे हे जो नरेन्द्र भाई को को सेंटर में नहीं देखना चाहते हे लेकिन में उन्हें कहना चाहता हूँ की रास्ट्रवादी पॉवर को सत्ता में देखना चाहते हो तो भाई नरेंद्र मोदी को शीर्ष पे लाना होगा |आम पब्लिक और युवा उनकी भागीदारी सिर्फ गुजरात तक नही चाहते हे वो चाहते हे की "' स्टील मेन"' भारतीय सत्ता को सम्भाले , वो चाहते हे की भ्रसटाचारियो की सम्पती छीन ली जाये और उस से बच्चो और मरीजो को शिक्षा चिकित्सा दी जाये ,उनकी इच्छा हे के खरबों हजारो का पब्लिक मेहनत की कमाई के टेक्स का चोरी किया गया स्विस जेर्मन बेंको जमा कला धन वापस रास्ट्र में आये ,उनका मन हे की उन्हें यु महगाई में बेमतलब ना पीसा जाये और जो मुनाफा लोबिया जो सरकार पे हावी हे उन्हें दण्डित किया जाये ,किसानो की नरेंद्र से भाई से आशा हे की भाई हमें मोसम का गुलाम होने ना दीजिये ,आप अटल बाबा की नदी जोड़ परियोजना को वापस चालू करिए जिस से से हम बाढ़ और सूखे से बच सके ,भारतीय युवावो की भाई से अपेक्षा हे की आप के राज में हमे ऐसा माहोल मिले की हम चाइना और यु .एस. को भारतीय हिंदी सिखा सके |भारतीय सेना और हमारे सुरक्षाबलो को को उम्मीद हे की नरेंद्र भाई जेसे रास्ट्रवादी का शासन आने पर हमारी शहादत को कभी भी जिल्ल्लत नहीं भोगनी पड़ेगी जेसे की संसद हमलो में शहीद, बटाला हाउस एन्कोउन्टर में शहीद ,मुंबई हमलो में शहीद ,नक्सली हमलो में शहीद सुरक्षाक्रमी ,कश्मीर में सुरक्षा बलों का अपमान आदि आदि |आज हर भारतीय चाहता हे की बोफोर्स मामले के दूध का दूध और पानी हो ?आज हम आम भारतीय जनता जनता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी और के गुप्त विदेशी खातो के बारे में जानना चाहते हे ? भाई आप के अलावा कोई नही निकलवा सकता विवरण |
आज हर भारतीय को उस बेदाग़ छवि वाले और विकास पुरुष नरेन्द्र भाई मोदी के अखिल भारतीय nerartv ki asha he |

वन्दे matrm

Wednesday, January 12, 2011

गाँधी परिवार की के.जे.बी से अशलील दलाली और उसके तथ्य ,आंकड़े !!!!

एक प्रमुख समाचार पत्र ने साहस दिखाते हुवे अपने सप्ताहिक स्तम्भ में बहुत ही सनसनी खेज खुलासा किया हे जिससे कांग्रेसियों की बड़ी मम्मी और उनका मोमिनो क्रिस्चना युवराज पूरी तरह नंगे हो गए हे |एस .गुरुमूर्ति ने आंकड़ो और तथ्यों के साथ इनका जम के चमडा उधेडा हे की ये आह भी ना निकाल सके |प्रिंट मीडिया में इस तरह का साहस कम ही समाचार पत्र कर पते हे |
लेखक ने कांग्रेस की देवी और युवराज के लिए छप्पन भोग की झांकी सजाई हे जिसका थोडा थोडा प्रसाद सभी कांग्रेसी भक्तो के ग्रहण करने लायक हे |इस खुलासे में बताया गया हे की स्विस बैंक में सोनिया गाँधी गुप्त खातो में अरबो रूपये डॉलर जमा हे |और इसमें आश्चर्य जनक बात ये हे की ये खुलासे स्वीट्रजरलेंड की ही सवार्धिक लोकप्रिये पत्रिका "'शवेजर इलेस्ट्रेट "'ने अपने 19 नवम्बर 1 991 के अंक में किये ,जंहा ये सभी काले काले किशन जी के साले अपना काला धन रख के आश्वत हो जाते हे |पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में लिखा हे की तीसरी दुनिया के लगभग एक दर्जन से भी अधिक (राजीव गाँधी समेत ) की ghooskhori की राशी स्विस बैंक में जमा हे |इस पत्रिका ने रशियन खुपिया एजेसी के .जी .ब के हवाले से लिखा हे की सोनिया गाँधी राजीव की म्रत्य के बाद में अपने भी अपने नाबालिग पुत्र के नाम से खाता संचालित कर रही हे जिसमे २.२ अरब रुपयों की राशी जमा हे |
लेखक आगे बताते हे आज इस अश्लील लूट का आकलन करे तो यह भारतीय मुद्रा में १००० हजार करोड़ रुपयों में बेठती हे |
जानकारी के अनुसार स्विस बैंक राशी को अपने पास नहीं रखते हे ,वे इसका विभिन्न परिचालनो में निवेश कर देते हे और इसका लाभ कस्टमरो को मिलता हे |यदि दीर्घ कालीन निवेश किया होगा तो २००९ तक ये लूट की ये राशी 4 2 ,3 4 5 करोड़ तक जा पहुँच गई हे |की भी तरह गणना कर ले तो भी २.२अरब की गुप्त लूट की ये राशी 43००० करोड़ से लेकर 8 4 ००० का विशाआल आकर ले चुकी हे |

स्विस पत्रिका "'शवेजर इलेस्ट्रेट "' और भारतीय मिडिया में जो बाते सोनिया ,गांघी राहुल गाँधी के खिलाफ और उन तथ्यों के खिलाफ जो गाँधी परिवार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खड़ा करते हे , पर इन दोनों की चुप्पी इन्हें गहरे शक के दायरे में खड़ा करती हे |वर्तमान की मेगा घोटाला सिरीज़ हो या उपर लिखी गई बातें ,सभी पर सोनिया और राहुल गाँधी के मूह में मूली रुपाई हो जाती हे |बल्कि ड्रेकुला के वफादार पाले गए भेडीयो की तरह इनके गुलामो का सामूहिक रोदन शुरू हो जाता हे जेसे जी हर रात ही पूर्णिमा हो ?जब "'शावेजेर इलेस्ट्रेट "'ये खुलासा किया तो ना तो राजीव गाँधी ने विरोध किया ना ही बालक राहुल ने ,ना मुकदमा करने की धमकी दी | १९९२ में द हिन्दू और टाइम ऑफ़ इंडिया ने राहुल गाँधी को के .जी .बी से भुकतान की रिपोर्ट प्रकाशित की तो उनके खिलाफ भी मूह में मूली ठूसे रखी |स्वामी सुब्रमन्यम ने २००२ में स्विस पत्रिका के आंकड़े अपनी vebsite पर डाल दिए थे |वर्तमान में भी वो इनको "'माँ जाया"'करने में लगे हे लेकिन मजाल क्या दस जनपथ से की इनके खिलाफ कोई आवाज उठाये ?

रशियन खुपिया एजेंसी के. जे.बी के सूत्रों के अनुसार गाँधी परिवार को के. जी.बी से राजनीतिक भुगतान लिया जो की सीधा सीधा देश दरोह का मामला बनता हे |रशिया की खोजी पत्रकार डॉ .एवेजेनिया ने अपनी पुस्तक "'द स्टेट विदीन ऐ स्टेट ;द के.जे.बी एंड इट्स रुस्सिया -पास्ट पर्जेंट फुचेर "' में के.जे.बी के तत्कालीन मुखिया विटोर चेब्रिकरोव के हस्ताकसर पत्र के हवाले से लिखती हे की तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री के पुत्र आर .गाँधी का का सम्बन्ध के.जी.बी से था |आर.गाँधी उनको ये भी बताते थे की के.जे.बी.से मिली आर्थिक सहायता का उपयोग पार्टी फंड के उपयोग में भी लिया जाता था |
आप इन खुलासो के आधार पर सोच लीजिये ये परिवार ये परिवार भारतीय जनता और देश के प्रती कितना वफादार हे ,यदि इनके प्रती कोई आवाज उढ़ाने की कोशीश करता हे तो इनके पाले हुवे गंडक भोकने लग जाते हे, क्योकि इन को पता हे रोटी का टुकड़ा दस जन पथ से ही मिलेगा | ये आंकड़े इन गंडको की बंधीकर्ण के लिए काफी हे |शेष अगली किस्त में

वन्देमातरम