Wednesday, January 12, 2011

गाँधी परिवार की के.जे.बी से अशलील दलाली और उसके तथ्य ,आंकड़े !!!!

एक प्रमुख समाचार पत्र ने साहस दिखाते हुवे अपने सप्ताहिक स्तम्भ में बहुत ही सनसनी खेज खुलासा किया हे जिससे कांग्रेसियों की बड़ी मम्मी और उनका मोमिनो क्रिस्चना युवराज पूरी तरह नंगे हो गए हे |एस .गुरुमूर्ति ने आंकड़ो और तथ्यों के साथ इनका जम के चमडा उधेडा हे की ये आह भी ना निकाल सके |प्रिंट मीडिया में इस तरह का साहस कम ही समाचार पत्र कर पते हे |
लेखक ने कांग्रेस की देवी और युवराज के लिए छप्पन भोग की झांकी सजाई हे जिसका थोडा थोडा प्रसाद सभी कांग्रेसी भक्तो के ग्रहण करने लायक हे |इस खुलासे में बताया गया हे की स्विस बैंक में सोनिया गाँधी गुप्त खातो में अरबो रूपये डॉलर जमा हे |और इसमें आश्चर्य जनक बात ये हे की ये खुलासे स्वीट्रजरलेंड की ही सवार्धिक लोकप्रिये पत्रिका "'शवेजर इलेस्ट्रेट "'ने अपने 19 नवम्बर 1 991 के अंक में किये ,जंहा ये सभी काले काले किशन जी के साले अपना काला धन रख के आश्वत हो जाते हे |पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में लिखा हे की तीसरी दुनिया के लगभग एक दर्जन से भी अधिक (राजीव गाँधी समेत ) की ghooskhori की राशी स्विस बैंक में जमा हे |इस पत्रिका ने रशियन खुपिया एजेसी के .जी .ब के हवाले से लिखा हे की सोनिया गाँधी राजीव की म्रत्य के बाद में अपने भी अपने नाबालिग पुत्र के नाम से खाता संचालित कर रही हे जिसमे २.२ अरब रुपयों की राशी जमा हे |
लेखक आगे बताते हे आज इस अश्लील लूट का आकलन करे तो यह भारतीय मुद्रा में १००० हजार करोड़ रुपयों में बेठती हे |
जानकारी के अनुसार स्विस बैंक राशी को अपने पास नहीं रखते हे ,वे इसका विभिन्न परिचालनो में निवेश कर देते हे और इसका लाभ कस्टमरो को मिलता हे |यदि दीर्घ कालीन निवेश किया होगा तो २००९ तक ये लूट की ये राशी 4 2 ,3 4 5 करोड़ तक जा पहुँच गई हे |की भी तरह गणना कर ले तो भी २.२अरब की गुप्त लूट की ये राशी 43००० करोड़ से लेकर 8 4 ००० का विशाआल आकर ले चुकी हे |

स्विस पत्रिका "'शवेजर इलेस्ट्रेट "' और भारतीय मिडिया में जो बाते सोनिया ,गांघी राहुल गाँधी के खिलाफ और उन तथ्यों के खिलाफ जो गाँधी परिवार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खड़ा करते हे , पर इन दोनों की चुप्पी इन्हें गहरे शक के दायरे में खड़ा करती हे |वर्तमान की मेगा घोटाला सिरीज़ हो या उपर लिखी गई बातें ,सभी पर सोनिया और राहुल गाँधी के मूह में मूली रुपाई हो जाती हे |बल्कि ड्रेकुला के वफादार पाले गए भेडीयो की तरह इनके गुलामो का सामूहिक रोदन शुरू हो जाता हे जेसे जी हर रात ही पूर्णिमा हो ?जब "'शावेजेर इलेस्ट्रेट "'ये खुलासा किया तो ना तो राजीव गाँधी ने विरोध किया ना ही बालक राहुल ने ,ना मुकदमा करने की धमकी दी | १९९२ में द हिन्दू और टाइम ऑफ़ इंडिया ने राहुल गाँधी को के .जी .बी से भुकतान की रिपोर्ट प्रकाशित की तो उनके खिलाफ भी मूह में मूली ठूसे रखी |स्वामी सुब्रमन्यम ने २००२ में स्विस पत्रिका के आंकड़े अपनी vebsite पर डाल दिए थे |वर्तमान में भी वो इनको "'माँ जाया"'करने में लगे हे लेकिन मजाल क्या दस जनपथ से की इनके खिलाफ कोई आवाज उठाये ?

रशियन खुपिया एजेंसी के. जे.बी के सूत्रों के अनुसार गाँधी परिवार को के. जी.बी से राजनीतिक भुगतान लिया जो की सीधा सीधा देश दरोह का मामला बनता हे |रशिया की खोजी पत्रकार डॉ .एवेजेनिया ने अपनी पुस्तक "'द स्टेट विदीन ऐ स्टेट ;द के.जे.बी एंड इट्स रुस्सिया -पास्ट पर्जेंट फुचेर "' में के.जे.बी के तत्कालीन मुखिया विटोर चेब्रिकरोव के हस्ताकसर पत्र के हवाले से लिखती हे की तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री के पुत्र आर .गाँधी का का सम्बन्ध के.जी.बी से था |आर.गाँधी उनको ये भी बताते थे की के.जे.बी.से मिली आर्थिक सहायता का उपयोग पार्टी फंड के उपयोग में भी लिया जाता था |
आप इन खुलासो के आधार पर सोच लीजिये ये परिवार ये परिवार भारतीय जनता और देश के प्रती कितना वफादार हे ,यदि इनके प्रती कोई आवाज उढ़ाने की कोशीश करता हे तो इनके पाले हुवे गंडक भोकने लग जाते हे, क्योकि इन को पता हे रोटी का टुकड़ा दस जन पथ से ही मिलेगा | ये आंकड़े इन गंडको की बंधीकर्ण के लिए काफी हे |शेष अगली किस्त में

वन्देमातरम

7 comments:

  1. फिर वही राजनीति? हासिल क्या?

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  2. फिर क्या करें मासूम जी व्यक्तिगत निंदा या इश निंदा ?

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  3. http://true-word-of-god-rakesh.blogspot.com/

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  4. Man ने कहा…
    आप को पता हो स्वामी विवेकानंद के गुरु राम कर्ष्ण परम हंस स्वयं एक बड़े पंडित ,तांत्रिक एवम कर्म कांडी थे |इतने बड़े गुरु के चेले स्वामी विवेकानंद हिन्दू धर्म के हर पक्ष के प्रति पूरी समानीय राय रखते थे केवल दिखावे के अलावा |आप की पोस्ट का शीर्षक झूठा हे ?
    १५ जनवरी २०११ ९:२४ अपराह्न
    पंकज सिंह राजपूत ने कहा…
    @ प्रिय Man जी

    आपके विचारों के लिए धन्यवाद !!

    यदि आपने स्वामी जी का राजनितिक दर्शन न पढ़ा हो तो पढ़ लें !!!

    स्वामी जी का आध्यात्मिक दर्शन -

    आत्मा की न कोई जाति है, न धर्म है !!!

    वैसे भी वे तो अद्वैत में आस्था रखते थे !!!
    +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

    माँ जगदम्बे गढ़ कालका धार भवानी का सेवक और उनका पुत्र से छोटा सा प्रश्न -

    माँ कालका मांस क्यों स्वीकार करती हैं ?

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  5. सत्य की स्थापना के लिए सत्य के बल की ही आवश्यकता है !
    बहुत रो धो चुके हैं हम, अब हमें कर्म के धर्म की आवश्यकता है, क्योंकि इसी से मानवता का कल्याण और राष्ट्र का उद्धार संभव है !!!!

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  6. प्रिय पंकज जी ,आप का स्वागत हे ,इश्वर के अस्तित्व को नकार के वामपंथियों ने कर्म किये थे आज उनकी विचार धारा ही खात्मे के कगार पे हे ,और मावोवादी भी सद्कर्म कर रहे हे ?इश्वर के अस्तिअव को नकार के उस पे ऊँगली उठा के कोई रास्ट्र और व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता |कालका के कई रूप हे ,धार कालका प्राचीन शक्ति पीठ हे जो की राजा भोज ने देवी सेवा शुष्मा शुरू की थी|इस भवानी के मांस नहीं चढ़ाया जाता हे ये पंवार वंशजो की कुलदेवी हे | केवल काल भेरव के बकरों की बलि दी जाती हे |आप को पता हो देवी के आगे बालाजी चलते हे सात्विकता के पर्तीक हे और पीछे भेरव जी चलते इस मत को पुष्ट करते हे के राक्षसों को मारने के लिए तामसिक रूप भी धारण करना पड़ता हे लोहे की काट लोहा ही होती हे |होलीवूड की मूवी वेनहेल्ल्सिंग और 30 day,s night देखना आप को और ज्यादा किलियर हो जायेगा |तामसिक शक्तिओ का भोजन मांस ही होता हे |फिर और आप को ज्यादा पता

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  7. man जी! अनवर भाई जो कुछ सही मानते है उसे खुद पर भी लागू करते है मगर आप दूसरों को ही ऐसा देशभक्त देखना चाहते है जिसमे जान का खतरा हो । manसाहब खुद भी आगे बढ़ कर पाकिस्तान पहुँचे और किसी आतंकवादी सरगना को मारकर आए तो आपकी देशभक्ति का पता चले या यह सब बातों तक ही सीमित हैं

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