Thursday, September 29, 2011

इसलामिक अतिवाद की और बढ़ते हुवे भारतीय मुस्लिम !! परसों राजस्थान के बूंदी जिले के नेनवा कस्बे में एक ऐसी घटना हुयी जिस से भारतीय मुस्लिमो की मानसि

अभी परसों राजस्थान के बूंदी जिले के नेनवा कस्बे में एक ऐसी घटना हुयी जिस से भारतीय मुस्लिमो की मानसिकता को समझा जा सकता हे और रास्ट्र के खिलाफ जहर घोलती उनकी इछावो को पहचाना जा सकता हे |इसे एक साधारण घटना मान कर मिडिया ने भी उपेक्षित किया हे वो भी किसी खतरे की घंटी से कम नहीं |
कोटा स्मभाग में पड़ने वाले बूंदी जिले की एक तहसील हे नेनवा |वंहा लोक देवता देह्वाल्जी का मेला हर श्र्दीय नवरात्र को लगता हे और इसी अवसर पर यंहा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यकर्म होते हे उन्ही में २८ सितम्बर की शाम यंहा अखिल भारतीय विराट कवी सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमे देश के विभिन्न भागो से विभिन्न रस के कवी आये थे
|उन्ही में से एक लखनुऊ से पधारे वीर रस के कवी श्री वेदव्रत वाजपेयी अपनी कविता पाकिस्तान के खिलाफ सुना रहे थे |वंहा श्रोतावो की अपार भीड़ जमा थी और श्री वेदव्रत जी ने माहोल को वीर रस से सरोबार कर दिया और भीड़ से काफी तालीया और भारत माता जिंदाबाद के नारे लगने लगे |इतने अनपेक्षित रूप से भीड़ को चीरते हुवे एक युवक ""सद्दाम ""स्टेज पर चढ़ कर वेदव्रत जी पर हमला बोल दिया ,भीड़ ने हिम्मत दिखाते हुवे उस युवक की पकड़ के अच्छी ""ज्न्वारी "" कर दी और पुलिस के हवाले कर दिया |तभी तीन चार जनों ने भीड़ में से पुलिस के उपर पथर भाटो की बारिश कर दी और मस्जिद वाले चोक की तरफ भाग गये |पुलिस उन्हें वंहा ढूंढते हुवे पहुंची तो वंहा पुलिस पर और जबर्दस्त हमला हो गया |वंहा पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गये |
जिसमे राजेन्द्र सिंह नमक पुलिसकर्मी के सर में ९ टांके आये |
अब ये घटना क्या ब्यान करती हे और इस घटना को मिडिया दुआरा दबा देना क्या बयाँ करता हे |अगर ये ही घटना नरेंद्र मोदी के गुजरात में घटित हो जाती तो और करने वाला कोई हिन्दू होता तो मिडिया की मम्मी का खसम मर जाता |क्या कभी मुस्लिम कहेंगे की ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण हे हम इस घटना के लिए इन युवको के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करेंगे ?कभी नहीं |इसी तरह के देश विरोधी और उत्पाती तत्वों को मुस्लिम समाज प्रश्रय देता रहता हे ,जेसे की गुजरात में था २००२ से पहले और फिर जब गोधरा होता हे तो उसका खामियाजा पूरे मुस्लिम समाज को उठाना पड़ता हे |मारवाड़ी में कहावत हे ""माल खावे माटी को ,गीत गावे बीरा का ""यानि माल तो पती का खाती हे लेकिन गीत अपने भाई के गाती हे |कुछ इसी तरह के ये मुस्लिम समाज के ये गद्दार लोगे हे जो पाकिस्तान की बुराई सुनना पसंद नहीं करते हे ,जबकि वो हरामी पल पोश के यंही बड़े होते हे |इनके समर्थन में छद्दम वामपंथी सेकुलर और कांग्रेसी लोग हमेशा अपनी ""मांड ""के तेयार रहते हे |नेनवा तो एक हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र हे उसमे भी इसी तरह की दुर्भाग्य पूर्ण घटना हो गयी तो मुस्लिम बहुल्य इलाको में अनुमान लगाना कठीन हे की वंहा क्या घटित होता होगा ?

8 comments:

  1. ye kabhi bhi is desh ke nahee ho sakte

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  2. इनके लिए धर्म बड़ा है , देश नहीं । इनके खून में देशभक्ति नहीं है।

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  3. jab tek pakistan ke bare me bol rahe the sab sun rahe the, magar jab muslim dharm ke bare me bole to mar khaya

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  4. jab koi bhi islam ke bare m burakahega markhayege is m ind / pakistan ka sawal h nahi h , agar apni govt m taqat h to pak ko kuchaldo..

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  5. islam insaniyat sikhata h, par jo koi insaniyat bhulata h usmai uske ma/bapki galti hoti h, kyua ki quran mai h apne vatanse mohabbat karna bhi ibadat h.wo baat ma/bap apne bacheko nahi batate...

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  6. isalm sahi dekhna hoto siya/sunni m dekho .. aapko koi bhi siya apne desse gaddari karta nahi milega / jab 99% sunni muslim nam ko jyada dekhege, chaye fir wo kaisa bhi ho. to pls kuch logo ki wajahse islam ko badmnam mat karo pls...

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  7. ghalti khud karte hai aur phir bolte ha musalmano ne aisa kiya wesa kya...arrey tum log apne dharam ko badhawa do...doosro ke dharam ko neecha kyu dikhate ho.......agar tum khud sahi rahoge to sab sahi rahega warna jaise ko tesa.....!!!!

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  8. sale muslim hote hi ase he!

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