Friday, October 21, 2011

मोदी जी ,गुजरात की सध्भावना शांति के खिलाफ ये कांग्रेस की ही चाल हे !!!


गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी इन दिनों गुजरात में सध्भावना मिशन पर हे |वो गुजरात प्रत्येक जिले में इस मिशन के तहत जा रहे और लोगो से मेल मुलाकत कर रहे हे उनकी उन्नति विकास और सुख दुःख की भागीदारी के तहत बारीकी से नजर रख रहे हे |एक सफल शासक का यही फर्ज बनता हे |पिछले दस सालो से गुजरात में शांति और सध्भाव की जो गंगा बही हे ,वो किसी अन्य राज्य में नहीं बही हे |मजदूर किसान से ले कर उद्योगपतियो तक के लिए गुजरात एक आदर्श भूमि बनी हे |भारतीयता को साथ लेकर विदेशी तकनीकी के साथ नए विचार नए प्रोग्राम योजनावो से नरेंद्र भाई जी ने गुजरात को देश में ही नहीं विदेशो में रोल मॉडल बना दिया हे |
पिछले दस सालो की हिंदुत्व के पैमाने पर गुजरात की शांती , विकास और सबसे बड़ी अकुलाहट ये की अभी गुजरात में सत्ता में आने की कोई सो कोस तक कोई सम्भावना नहीं ने ""भारत के एक परिवार बपोती ""अखिल भारतीय दरी जाजम उठाऊ लिमिटेड कम्पनी "" को घोर निराशा से भर दिया हे |निराशा फसट्रेशन में कोई भी स्तनधारी की ओलाद मनुष्य अगले के खिलाफ घातक कदम उठता ही हे |येन केन सभी कोशीशे करता हे ,जब इन सालो में राजनितिक कमीनेपन में माहिर इस ""दरी जाजम उठाऊ कम्पनी"" ने सभी कदम उठा के देख लिए ,तब भी इसके मूह पर गुजरात का मतदाता उल्टे जूते की मरता रहा |
चूंकि विकास के पीछे स्थाई शांती की आवश्यकता होती हे और वो गुजरात में बनी हुयी हे ,ये शांति समुदायों और समाजो के बीच बनी हुयी हे |इस से सभी लाभ्नविंत हे |लेकिन ये शांति ही तथाकथित नस्ल बिगाडू सेकुलरो और कांग्रस के टुकडो पर पलने वाले मूह पर खून लगे भारतीय मिडिया की आँख की किरकिरी बनी हुई हे |पिछले दस सालो से ना जाने कितने नस्ल बिगाड़ कूका कूका के शांत हो चुके हे ,लेकिन जिस प्रकार रह रह इन्हें हिस्टीरिया का दोरा पड़ता हे इनके पूर्ण स्वस्थ होने की सम्भावना कम हे ?
इनका मिशन गुजरात में शांति सद्भावना को पुन बिगाड़ के खेल खेलना हे !!पिछले दिनों अहमदाबाद में मोदी जी के तीन दिवसीय सध्भावना सभा में एक तथाकथित सूफी मोलवी ने नरेंद्र मोदी जी को शाल ओढा दी उसके बाद उसने मोदी जी को मुस्लिम टोपी ओढ़ने की कोशीश की जिस से मोदी जी ने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया ,उसके बाद भारतीय मिडिया रूख देखना तारीखे काबिल था?मिडिया को पेट में मरोड़ उलटी दस्त एक साथ चालू हो गयी ,मोदी जी को हिन्दू कट्टरवादी तो मिडिया ने पहले ही घोषित कर रखा था उसके बाद मोदी जी घोर साम्प्रदायिक घोषित हो गये !!बाद में मालूम पड़ा की तथाकथित मोलवी जी सोनिया गाँधी के निजी सचिव अहमद पटेल के उस क्षेत्र से थे जंहा से उन्होंने चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हार गए थे |ये मोलवी कांग्रेस के दुआरा ही हांयर किये थे और टोपी ओढ़ना भी प्री ड्रिल प्रोग्राम था |कांग्रेसियों के कहने पर इन्होने ये कार्यक्रम रचा था |
अब नए घटनाक्रम में नवसारी में किसी मुस्लिम शख्श ने उन्हें काफा ओढाने की कोशिश की ,उसे भी मोदी जी ने विनम्रता पूर्वक गले लगा के हाथ जोड़ लिए |अब फिर भारतीय मिडिया में हाय तोबा मच गयी ,की मोदी जी विवादों को जन्म दे रहे हे |क्या मिडिया ये भूल जाता हे की सार्वजनिक हस्ती होते हुवे भी किसी के नीजी धार्मिक आध्यात्मिक मापदंड भी होते हे |क्या मिडिया से ये प्रश्न नहीं पूछा जाना चाहिए की इन बातो पर मुद्दों पर मुस्लिम धर्म गुरु ,मुल्ले मोलवी कितना अम्ल कर पाएंगे ?जो बात बेबात फतवे जरी करते हे और मोदी जी की व्यक्तित्व की नहीं विकास तारीफ करने मात्र से ही व्स्तान्वी जेसे उदार मुस्लिमो की उनके पद से बलि ले ली जाती हे |
इन सब के पीछे एक मात्र राजनितिक कमीनेपन में माहिर "'अखिल भारतीय दरी जाजम उठाऊ लिमिटेड कम्पनी की चाले हे |क्योकि गत पंचायती चुनावो में भी गुजरात के १०० से अधिक मुस्लिम उमीदवार बी.जे.पी के उमीदवार के रूप में जीत कर आये हे |वंहा के उदारवादी मुस्लिम नरेंद्र मोदी जी के विकास की तारीफ करने लगे हे ,क्योकि कभी कठिनाइयों से घीरे रहने वाले इस तबके को विकास का लाभ काफी पहुंचा हे |
नरेंद्र मोदी जी को धुर मुस्लिम विरोधी घोषित करने के लिए इस तरह की ओछी हरकते करना कांग्रेस के लिए बांये हाथ का खेल हे और इस खेल में साथ देने के लिए जन्मजात भांड भारतीय मिडिया भी साथ हे |लेकिन जितनी ताकत से गुजरात में नरेंद्र मोदी के खिलाफ इन नस्ल बिगाडू सेकुलरो ,भांड मिडिया और दरी जाजम उठाने वालो ने अभियान छेड़ा उसी अनुपात में गुजरात के मतदाता ने इनके मूह पर जूते बजाये हे |और इन्तजार कीजिये अबकी बार तो ऐसे बजेंगे की रोने फिर नहीं देगा गुजरात का मतदाता इन्हें |
वन्देमातरम

1 comment:

  1. .

    प्रिय भाई ,

    नरेंद्र मोदी जी के शौर्य से विचलित होकर बिना रीढ़ की हड्डी वाले उनके खिलाफ ज़हर उगलने से परहेज़ नहीं कर रहे। लेकिन विजय तो सत्य की ही होती है न।

    जय हिंद !
    वन्देमातरम !

    .

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