Saturday, October 22, 2011

हमें इन नस्ल बिगाड़ो के समर्थन की आवश्यकता नहीं |

तथाकथित "'नस्ल बिगड़ सेकुलर बुधिजिवियो ""के समर्थन की क्या आवश्य्कता हे |
आज जिस प्रकार के हालत भारत ओर सारे विश्व में बन रहे हे उनमे सबसे विकट हालात में से एक भारत देश भी हे |हालाँकि उपरी तोर पर से देखने में सब कुछ अच्छा ओर चमकदार दिखाई दे रहा हे ,भारत दो अंको विकास दर को छू रहा हे ,मजबूत लोकतंत्र दिखाई दे रहा हे ,सेना मजबूत दिखाई दे रही हे ,करोड़पति अरबपति बढ़ रहे हे ,निवेशक आकर्षित हो रहे हे |
लेकिन ये केवल २०% लोगो के लिए ही हे उन्ही की तस्वीरे पेश की जारही हे |बाकि सब गल्लम ग्प्प्प चल रहा हे ,कोई नहीं कह सकता की बाकि ८०% लोगो के लिए ऊंट किस करवट बेठे ?
इन्ही २०% लोगो में से वो बुद्धिजीवी वर्ग भी आता हे जिन्हें अपनी आमदनी कमाने के लिए कुछ भी जद्दोजेहाद नहीं करनी पडी हे |,नेता के रूप० में खाऊ गिरी ,दलाली ,रियल स्टेट , प्रोपर्टी, ही प्रोफाइल टर्म्स ,तलवे चाट के विभिन्न विदेशी फंड के रूप में भीख खाऊ एन.जी.ओ दलाल ,अपनी बीबियो बहिन बेटियों को आगे कर के ,रिश्वतखोरी कर के ,गट्टर गंदगी में नहा के ,देशद्रोह कर के देश बेच के ,भांड गिरी कर के ,चमचा गिरी करके ,यानि किसी भी तरह पैसा कमाया जाये ,इस वर्ग का प्रमुख उद्देश्य हे |इस वर्ग में इस भावना का कोई महत्व नहीं की अपना धर्म देशप्रेम ,रास्ट्र प्रेम के जज्बे का क्या मतलब हे ?इनके लिए धर्म का मतलब अपनी और परिवार की भरपूर पेट पूजा और मंदिर में जा कर आना और दिखावा करना ही हे |आप पाएंगे की इस वर्ग में से कोई भी बाप अपनी ओलाद को सेना में नहीं भेजना चाहता हे |सेना में जितने भी जवान जाते हे वो सभी गरीब ,गाँवो के घरो से आते हे ,जिन्हें घर चलाने के लिए नोकरी की आवश्यकता होती हे |
मुख्त्या ये वर्ग दलाली ओर तलवा चट्टू के रूप में सत्ता संस्थानों के इतने करीब होता हे उनके महत्वपूर्ण निर्णय तय करने में प्रभावशाली भूमिका रखता हे |मिडिया को कुशल नट की तरह इस्तमाल करते हुवे सरकारों ओर आमजन पर अपना प्रभावशाली नियन्त्रण भी ये वर्ग रखता हे |
भारत में आजादी के बाद से ही कांग्रेस के राज में इस वर्ग को भरपूर फलने फूलने का अवसर मिलता लेकिन १९९२ के बाद मनमोहन जी की आर्थिक नीतियों ने इस वर्ग की आर्थिक आकंक्षवो के चार चाँद लगा दिए ,ओर ये वर्ग उतना ही भ्रस्ट ओर नीचे गिरता चला गया |इन्ही आकान्क्षावो ने नीचले तबके के सपनो के पंख लगा के उन्हें भी भ्रसटाचार की गट्टर गंगा में नहाने के लिए आमंत्रित लिया |
अब इसी तथाकथित सेकुलर और श्रेष्ठी कहलाने वाले ""नस्ल बिगाड़ "" हाईप्रोफाइल वर्ग ने बाकी सभी जनता को आर्थिक सामाजिक ,राजनितिक ,बोधिक ,शेक्षणिक ,सभी कारको और विषयों पर बंधक बना लिया हे |
बाकी बचे जो लोग सही और सच्ची भावना से रास्ट्र और धर्म के बारे में सोचते हे ,जो इन विषयों पर रास्ट्रवादी भावना का जन जन में प्रसार करना चाहते हे |जो लोग अपने धर्म के हास और उसके पतन से चिंतित होते हे |जो रास्ट्र और धर्म का हास और नुक्सान करने वाली शक्तियों का विरोध करना चाहते हो |वो लोग और वो संघटन्न भी इन्ही छद्दम सेकुलर रास्ट्र द्रोही ,धर्म द्रोही व्यक्तियों के भंवरजाल में फंस चूके हे |
भारत वर्ष में ये स्थिति आ चुकी हे की आज बात बात पर, हर रास्ट्र धर्म के पक्ष वाले मुद्दे पर ,कदम कदम पर रास्ट्रवादी संघटन और व्यक्ती इन छद्दम सेकुलर नस्ल बिगाड़ लोगो से समर्थन की अपेक्षा लगाये रखते हे ,जो की रात भर साथ सो जाये तो भी नहीं देने वाले हे

|आज चाहे भारत के अभिन्न अंग कश्मीर की बात हो ,चाहे कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्य में सेना के अधिकारों की बात हो .चाहे तिरस्कृत और बलात्कृत कश्मीर से निकाले गये कश्मीरी पंडितो की बात हो |चाहे भ्रसटाचार काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव के आन्दोलन अभियान की बात हो ,और उस पर किया गया सरकारी वहशी तांडव हो या अन्ना दुआरा छेड़े गये आन्दोलन की बात हो ,भर्स्ट सरकार के नकटेपने और कमीनेपन का मुद्दा हो ,भले ही अपनी अस्मिता और सनातन धर्म के आधार तत्व रामसेतु का मुद्दा हो ,राममन्दिर जेसे आन्दोलन का मुद्दा हो ,भले ही साम्प्रदायिक निरूपण बिल का मुद्दा हो ,चाहे अमरनाथ यात्रा को पाखंड कह देने की हिम्मत किसी ने कर ली हो ?चाहे भारत में अधिसंख्य हिंदुवो की अस्मिता से बलातकार होता हो ,उनकी मुख्य धार्मिक यात्रावो पर २० २० गुना टेक्स बढा दिया गया हो ???..............______________________?
क्या होता हे इन मुद्दों पर ?आम हिन्दू और बाकी अपने को रास्ट्रवादी कहलाने वाले संघटन्न क्या करते हे सब से पहले इस सभी बातो और मुद्दों पर ?
एक उम्मीद की ""हमारे ही देश के जाने पहचाने ,यंही की खा के उसी की बजाने वाले छद्दम सेकुलर नस्ल बिगाड़ हमारा समर्थन करेंगे ?बस यंही मात खा जाते हे|जो लोग इन्ही बातो के लिए जाने जाते हे ,जिनका मूल धंधा ही धर्म विरोध और देश के खिलाफ काम करना हे और पेट भरना हे तो क्या उम्मीद लगा कर उन से समर्थन की उम्मीद लगा बैठते हे हम लोग ?
मिडिया भी उन्ही में से हे |फिर हम उन्हें लानत मानत भेजते हे बुरा भला कहते हे ,उनकी भर्त्सना करते हे |मिडिया को पक्षपाती कहते हे ,वो तो होगा ही पक्षपाती क्योकि उसे गुलामी करने के पेसे मिलते हे ,और इन्ही उपरी उल्लेखित २०% लोगो की नट विद्या से मिडिया चलता हे |ताजुब्ब की बात तो तब होती हे की अच्छी तरह से संघटित संघटन्न भी इनके फेर में पड़ कर इन्ही की पूंछ पकड़ने की कोशीश करते हे |आर .एस.एस विश्व का सब से बड़ा अनुशासित संघटन्न हे ,उसे प्रचार की भूख भी नहीं हे ,लेकिन वो अपनी मान्यताये और हिन्दू कल्याण की बात हिंदुवो में ही स्पष्ट रूप से नहीं रख पायेगा तो जाहीर हे हिंदुवो के खिलाफ काम करने वाली शक्तिया उन्हें जल्दी ही मानसिक रूप से बहका सकेगी |एक हद तक अपनी अपनी लाइन में चलना सही हे ,लेकिन कोई चुनोती दे तो फिर ,अपने धर्म रास्ट्र को गाली दे तो फिर ?क्या इन्हें पत नहीं हे की किस तरह हिन्दू देवी देवता और उनकी मन्य्तावो के खिलाफ विषवमन किया जा रहा हे ?क्या उनकी युवा काडर में इतना दम नहीं की ऐसे लोगो की
थोड़ी सर्विस कर दी जाये ग्रीस पानी .आयल पानी कर दिया जाये जिस से ये थोडा स्मूथ चले |
यंहा धन्यवाद देना चाहूँगा शिवसेना की स्पष्टता और दिलेरी को जिन्होंने प्रशांत भूषण की ""जंवारी ""करने वाले तीनो वीरो तेजेंद्र सिंह जी और उनके साथियों का खुल के अभिनन्दन किया हे जबकि किसी भी अन्य हिन्दू संघटनों और देशभक्ती रखने वाले लोगो ने बिलकुल आवाज नहीं उठाई !! उलटे एक अपराधिक चुप्पी साध ली की जेसे इन शेरो ने बहुत बड़ा अनर्थ कर दिया हो ,श्री राम सेना तो साफ तोर पर गोल बोल गयी की हमारे आदमी ही नहीं थे ,होना ये चाहिए था की ये संघटन्न ऐसे वीर युवावो का अभिनन्दन करते उनकी होसला अफजाई करते ,उनके स्पष्ट और त्वरित नजरिये की सराहना करते ,लेकिन ये भी तो इन्ही छद्दम सेकुलरो के भंवर जाल में ही तो फंसे हुवे हे ,की छद्दम सेकुलर लोगो के सामने हम आँख नहीं मिला पाएंगे ,मीडिया नाराज हो जायेगा ,सेकुलरो अभिव्यक्ती की आजादी नाम का तूफ़ान उठा लेंगे |इसी भीरुता और छद्दम सेकुलरता के माथा देने के कारण आज आडवानी देश का प्रधान मंत्री बनने का सपना दिल में ही ले कर इस इस दुनिया से विदा हो जायेंगे |हमें अब ऐसे ही स्पष्ट नजरिये की आवश्यकता हे ,ज्यादा सीधे सच्चे हिन्दू बन के जीने की अवश्यकत नहीं हे ,ज्यादा जेंटल बन के रहने से फायदा कम नुकसान ही ज्यादा हुवा हे |हमें इन छद्दम सेकुलरो से अपने नम्बर बढवाने की कतई आवश्य्कता नहीं हे ,ना ही हमें इस बात की परवाह करनी हे की सो काल्ड सभ्य समाज हमे क्या कहेगा ?छद्दम सभ्य बनने के चक्कर में हम बहुत खो चूके हे ,इसी बात का फायदा उठा के हमारी कोई भी बजा के चला जाता हे |हमें अपने धर्म और रास्ट्र के मान अपमान पर खुला एवं स्पष्ट दृसटीकोण प्रस्तुत करना होगा |
हमें इन छद्म सेकुलर ""नस्ल बिगाड़ो " के समर्थन की कतई आवश्यकता नही हे ,ना ही हमें उम्मीद लगनी चाहिए के ये लोग कभी पक्ष में भी बोले |हमें आवश्यकता हे तेजेंद्र पाल जी जेसे नवयुवको की और जेसे को तेसा प्रदान करने वाली त्वरीत प्रतिक्रिया की |हमे उन छद्दम सेकुलर और रास्ट्रद्रोही धर्मद्रोही लोगो और उनके पालतू मिडिया को ऐसे ही जवाब देना हे जेसा तेजेंद्र पल जी ने दिया और अग्निवेश को गुजरात में एक महात्मा ने दिया |यदि किसी को अभिव्यक्ती की आजादी हे तो हमे भी हमारे गोरव प्रतीकों रास्ट्र और धर्म की रक्षा का अधिकार हे |कानून अपनी जगह हे ,यदि कोई किसी को गोली मारता हो तो खाने वाला ये सोच के निश्चिन्त नहीं हो जायेगा की कानून पाना काम करेगा .कानून तो काम करता रहेगा पहले जो अपना फर्ज बनता हे वो पूरा करेंगे |
जय हिंद वन्देमातरम

5 comments:

  1. .

    प्रिय भाई ,
    इस बेबाक प्रस्तुति के लिए आपकी लेखनी को नमन। आपके आलेख से अक्षरतः सहमत।
    वन्देमातरम !

    .

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  2. आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल शुभकामनाएँ !

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  3. शुभ दीपावली पर भाई मानसिंह को अशेष शुभकामनाएं।

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  4. aap sabhi ko bhi dipotsv ki hardik shubh kamnaye

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  5. दिल खुश हो गया आपका लेख देखकर।

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