Thursday, November 11, 2010

यंहा से शुरू हो चुकी हे आर पार की लड़ाई

१० नवम्बर को रास्ट्रीय सवयं सेवक संघ के अखिल भारतीय व्यापक और विशालतम पर्दर्शन ने रास्ट्रवादी और घीनोनी छद्दम सेकुलर ताकतों के बीच आर पार की लड़ाई की शुरुवात कर दी हे |इसका सबसे बड़ा अस्त्र भोपाल में चला जंहा पूर्व संघ पर्मुख माननीय सु दर्शन जी ने मारक परहार करते हुवे कांग्रेस पर्मुख सोनिया माइनो का ऐसा कच्चा चिठा खोला की बेचारी कांग्रेस को तिलमिलाने का मोका भी नहीं मिला | सच्चाई ऐसी की इसके मूह से पेशाब उगलने वाले पर्वक्तावो के मूह में बजरी भर गयी ,ना उगलते बन रही हे ना निगलते |इन कच्चे कलवो को संघ की ताकत का अहसास ही कल हुआ की एक रास्ट्रवादी संघटन के असली मायने क्या हे ,जब देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पर करोडो बंधू और माता बहिने बिना किसी स्वार्थ के रास्ट्रवादी भावना को नमन करने पहुंचे |
अपने ८५ वर्ष के कार्यकाल में संघ ने पहली बार सड़क पर ऊत्तर के रास्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ एक आर पार की लड़ाई छेड़ दी हे ,ये अब रूकने वाली नही और इसको मिले आपार जन समर्थ ने इन सफ़ेद खून के सिआरो को सकते में डाल दिया हे |कांग्रेस ने तो अपनी कब्र खुदाई की साईं उसी दिन दे दी थी जिस दिन संघ और हिन्दुत्व का अपमान खुले आम किया और इसे आतंकारी संघटन बताया गया |अनचाहे अब इस गेर राजनितिक रास्ट्रवादी संघटन को छेड़ केर एक नयी ताकत दे दी कांग्रेस ने ,राहुल गाँधी जेसे मिक्स मिस्चीफ़ को इसकी अन्दूरुनी ताकत का एहसास नहीं था तब ही तो संघ की तुलना सिम्मी से करने वाला मुर्खता पूर्ण बयान दिया और मार्क्स बढवाने के चक्कर में जाजम उठाने वाले भी साथ हो लिए और उस बर्रे के छते में हाथ डाल दिया जिनकी संख्या करोडो में हे |
ये लड़ाई अब रुकनेवाली नहीं क्योकि जिस परकार माननीय सुदर्शन जी ने भोपाल उवाच दिया हे कांग्रेस तिलमिला उठी हे ,सारे कांग्रेसियों को ये लग रहा हे हमारी बड़ी ममी के बारे ये ये सच्चाई हमें हजम नहीं हो रही हे ?पर्तीकिरयात्मक कदम उठाने के लिए अब ये घातक रणनीति बनाएगी कांग्रेस ,यानि अब इसने हिन्दुत्व रस्त्र्वाद ,और संघ से सीधी टक्कर ले ली हे |वंही संघ और हिन्दुत्व के लिए इस मुद्दे ने ने एक परकार से संजीवनी का काम किया हे |वर्ष में एक बार आम पब्लिक को दर्शन देने संघ के १० नवम्बर के व्यापकता वाले पर्दर्शन को देखते हुवे नवीन पीढ़ी के नजरिये उसकी व्यापकता का समावेश हुआ हे ,जो की इस से अनजान थी .सबसे बड़ी बात की इसके अनुषंगी हिन्दू संघटनों को हिंदुवो को जगाने का एक सुअवसर प्राप्त हो गया हे |लड़ाई दुदंभी बज चुकी हे ,संघ के नेत्र्तव में हिन्दू जग के पहली अंगड़ाई ले चूका हे ,अब देशी विदेशी षड्यंत्रकारी विभाजक ताकतों की ?????पर मिर्ची कूटने और चटनी बाँटने का टाइम आ गया हे ,और अब ऐसा हो के रहेगा क्योकि हिन्दुत्व एक नाम ना हो कर सम्पूर्ण जीवन शेली हे |जय भारत जय हिन्दू
वन्देमातरम

11 comments:

  1. वाह अति सुंदर ।

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  2. जो लोग समाज में शक की बीमारी फैलाते हैं उन की नीयत पर कोई शक तक नहीं करता , लोगों को शक करने की भी तमीज़ नहीं है ।

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  3. राहुल अभी बच्चा है , अब देख लेगा संघ का जलवा ।

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  4. ... लेकिन संघ का विरोध राहुल को फ़ायदा ही पहुँचाएगा ।

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  5. जैसे कि शहाबुद्दीन आदि के विरोध से BJP को लाभ ही मिला ।

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  6. राहुल गाँधी को एक झोंपड़ी दस जनपथ में ही बनवा लेनी चाहिए ...?बार बार झोंपड़िया ढूँढने का झंझट jo हे ?

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  7. झोपडी देखि की मन मचल मचल जाये ,इस मिस चीफ की जात क्या हे ?

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  8. very nice post
    ''कांग्रेसियों को ये लग रहा हे हमारी बड़ी ममी के बारे ये ये सच्चाई हमें हजम नहीं हो रही हे ?''

    सत्य वचन

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  9. yeh lekh ish srw-sidh baat ka dhyotk hai ki aap ko lagta ki agar woh log jo prem bhaw se aap ko smjha rhe hai, unko aap kuch bhi kaho toh kuch bhi nhi khenge, pr yeh ek had tk simit hai....
    ek samya esha bhi aayega kii woh eshi karwat lega ki aankha dikahne walao ko yeh samjh nhi aayega ki naa jaane ab ut kis karwat baithega......
    Saalo congressiyon yeh sonia toh(Smpurn gandhi priwar) toh dubane wali hai sath ki sath tumko bhi le dubegi.
    Such kah rha hoo, Chupne ki jagha nhi milegi tum logo ko, aur vese bhi congressiyon ki bhaduri kal dekhi hai humne ......
    kahne ka matlab ab esha tufan aayega jisme keval aur keval congress khud-b-khud uljhne wali hai, RSS ko kuch karne ki jarurt nahi hai
    jai shree ram....................

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  10. धर्म मनुष्यों ने ही बनाये है मनुष्यों ने ही लिखे हैं। धर्म का मार्ग दिखाने वाले लिखने वालों का क्या हुआ क्या इनको स्वर्ग की प्राप्ती हुई उन्होने जो लिखा है उसने कितनी सच्चाई है या जो उसमे चमत्कार बताये हैं क्या ये संम्भव है आज भी होते है। या काल्पनिक कपोल कल्पना है ।

    मगर आंधों की तरह उसके मानने वाले अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने की होड़ में लगे है।अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने के लिये दूसरे धर्म की कमी
    निकालते है। ताकि अपने धर्म को श्रेष्ठ बता सकें।हर कोई अपने आपको बुद्धीजीवी ज्ञानवान समझाता है।हमारे बाप दादाओं से हम मानते आ रहे है अब हम मान रहे है सही है।
    प्रश्न हैरू. ये बताये आप खाना आंख बन्द करके खाते है
    या खाते समय आपकी नजर थाली पर रहती है कि कही
    कीड़ा या बाल तो नही है निवाले मे कंकंड़ आ जाता है
    तो आप उसे खा लेते है या उगल देते है। जरा सोचें।

    मेरा मानना है कि हम खाना देख कर खाते हैं कि कुछ
    गलत पेट मे न चला जाये । तो जब हम अपने शरीर के
    लिये ख्याल रखते हैं।
    तो धर्म के लिये आंख क्यो बन्द करे है।
    हमे खुद अपने धर्म के बारे मे पता नही है ईश्वर के बारे
    मे पता नही है। हमने खुद ईश्वर को पाया नही है और
    दूसरे को मनवा रहे है। हम हिन्दू और मुसलमान आपस
    मे एक दूसरे को नीचा दिखाने मे लगे है।

    मनुष्यों ही ने धर्म शास्त्रो को लिखा है हम कैसे मान लें
    की उन्होने जो लिखा है वो सही ही लिखा है अगर सही
    लिखा है तो हम उसे परखेंगें। सही पायेगे तो मानेगे भी।
    अरे हम 10रु का घड़ा या मटका खरीदते है तो 20 बार ठोक
    बजा कर दखते है अंन्दर झांक कर देखते हैं।

    अत्यन्त बहुमूल्य कीमती अपने जीवन के लिये और मरने के बाद क्या होगा हम जिस रास्ते पर हम चल रहे है वो सही है कि नही हमने और आपने अपने धर्मो को झांक कर देखा है ठोक बजा कर देखा है
    अरे इतनी मेहनत और ताकत ईश्वर को ढूंढने मे लगा दो
    तो ईश्वर मिल जाये और हमारा आपका और सब का जीवन
    सफल हो जाये।
    राजनैतिक दल और सम्प्रदायिक संगठन राजनैतिक लाभ पाने के लिये धर्माे

    को आपस मे लड़ा रहे हैं।

    जनता के सामने सबसे धार्मिक प्रवत्ती के ये लोग जब पावर मे आते हैं तो सबसे भ्रष्ट हो जाते है कंहा रही धार्मिकता। और अपनी पीढ़ियो के लिये धन इकठ्ठा कर लेते है। नेता अपने बच्चो को कानवेंन्ट मे पढ़ाये।
    और हमे धर्म का पाठ पढ़ाते है हमे कहते है कि सरस्वती स्कूल मे बच्चो को पढ़ाओ संस्कृत पढ़ाओ ताकि हमारे बच्चे अंग्रेजी न पढ़ पायें क्योकि दुनिया का ज्ञान लिटरेचर और कम्प्यूटर सब अंग्रेजी मे है।

    अगर हमारे बच्चे ज्ञानी हो गये तो इनकी धकियानूसी कहां चलेगी

    आपको मालूम होगा कि चीन अंग्रेजी को कितना महत्व दे रहा है इंग्लिश टीचरो को बुला कर सारी सुविधायें और तगड़ी पेमेन्ट दे रहा है। उसको मालूम है कि अंग्रेजी कितनी महत्व पूर्ण है।

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  11. http://lundchut33.blogspot.com/2011/02/lund-chut-ki-kahaniya-balatkar-rape.html

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